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अखिलेश यादव के नाम की प्रस्तावना सबसे पहले अमर सिंह ने रखी थी। इसके बाद अखिलेश को पार्टी की कमान सौंपी गई थी।( <a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/mulayam-singh-yadav-used-to-ask-akhilesh-yadav-for-the-expenses-incurred-in-sydney-the-days-were-spent-very-tightly/1725148/"> सिडनी में जब अखिलेश यादव को 90 डॉलर में ही निकालना पड़ता था खर्चा, मुलायम सिंह लेते थे पाई-पाई का हिसाब</a> )
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जिस उम्र में अखिलेश सीएम बन चुके थे उस उम्र में उनके पिता मुलायम सिंह राम नरेश यादव के मंत्रीमंडल में सहकारिता मंत्री बने थे। तब उनके पिता की उम्र 38 साल थी।
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अखिलेश यादव ने जब 2012 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब 'टीपू बन गया सुल्तान' के नारे खूब लगे थे, लेकिन एक समय था जब टीपू के सुलतान बनने में पार्टी नेताओं का संशय था।( <a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/akhilesh-yadav-opened-the-secret-of-family-feud-with-mulayam-singh-yadav-shivpal-yadav/1724643/"> परिवार में मेरी वजह से नहीं, इस कारण हुआ था झगड़ा, अखिलेश यादव ने खुद ही खोल दिया था राज</a> )
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'शिष्ट,' 'विनीत,' 'सभ्य' और 'शरीफ़' जैसे शब्दों के साथ ही अखिलेश यादव का नाम लिया जाता था। असल में वह इन योग्यताओं से लबरेज माने जाते थे। पार्टी नेताओं को इसी बात की चिंता थी कि उनकी ये आदत उन्हें एक सफल राजनीतिज्ञ और सीएम बनने नहीं देगी।
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समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता शाहिद सिद्दीकी कहा करते थे, 'समस्या ये थी कि वो इतने शरीफ़ थे कि सरकार चलाना उनके बस की बात नहीं लगती थी।( <a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/mulayam-singh-yadav-son-akhilesh-yadav-used-to-made-tehri-and-tea-journey-of-bhaiyaji-from-sainik-school-to-sydney/1726804/"> अखिलेश यादव आस्ट्रेलिया में खुद बनाते थे तहरी और चाय, सैनिक स्कूल से सिडनी का ऐसा था ‘भैयाजी’ का सफर</a> )
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जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद का शपथ ली तो राजनीतिक हल्कों में माना जाता था कि सत्ता की असली चाबी तो उनके पिता मुलायम सिंह यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव, राम गोपाल यादव और मुलायम के खास आज़म ख़ाँ के पास ही रहेगी, लेकिन अखिलेश के पांच साल समाप्त होने के बाद ये धारणा भी लोगों की बदल गई थी। (All Photos: PTI And Indian Express)