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दिनभर की भागदौड़, थकान और तनाव के बीच अगर आप गहरी नींद और सुकून भरा मन पाना चाहते हैं, तो रात में पैरों पर तेल मालिश का यह सरल आयुर्वेदिक उपाय आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं। यह सिर्फ शरीर को आराम देने की क्रिया नहीं, बल्कि एक ऐसा उपचार है जो तन, मन और आत्मा – तीनों को संतुलित करता है। आयुर्वेद में इसे ‘पादाभ्यंग’ कहा गया है — अर्थात् पैरों की नियमित तेल मालिश। (Photo Source: Pexels)
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आयुर्वेद में पैरों की मालिश का महत्व
आयुर्वेद के अनुसार, हमारे पैरों में कई महत्वपूर्ण नसें और बिंदु होते हैं जो पूरे शरीर से जुड़े रहते हैं। जब हम पैरों पर तेल लगाकर हल्के हाथों से मालिश करते हैं, तो यह न केवल रक्त संचार को बेहतर बनाता है, बल्कि शरीर के दोषों (वात, पित्त, कफ) को भी संतुलित करता है। (Photo Source: Pexels) -
रात में पैरों की मालिश करने से व्यक्ति को दीर्घायु, आरोग्य और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यही कारण है कि प्राचीन समय में इसे ‘दैनिक दिनचर्या’ का अहम हिस्सा माना गया है। (Photo Source: Pexels)
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पैरों की मालिश के प्रमुख लाभ
गहरी और सुकूनभरी नींद आती है
मालिश से नसों में शिथिलता आती है और मन शांत होता है, जिससे नींद जल्दी और गहरी आती है। (Photo Source: Pexels) -
आंखों की रोशनी बढ़ती है
पैरों की तलों में ऐसे बिंदु होते हैं जो दृष्टि से संबंधित नसों से जुड़े होते हैं। नियमित मालिश से आंखों की रोशनी में सुधार होता है। (Photo Source: Pexels) -
मानसिक तनाव और थकान मिटती है
तेल मालिश से शरीर में जमा तनाव धीरे-धीरे कम होता है और मन को शांति मिलती है। (Photo Source: Pexels) -
रक्तसंचार बेहतर होता है
मालिश के दौरान पैरों की मांसपेशियों में गर्माहट आती है, जिससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। ठंड औप जकड़न भी दूर होती है। (Photo Source: Pexels) -
त्वचा बनती है मुलायम और स्वस्थ
पैरों की त्वचा को नमी और पोषण मिलता है, जिससे फटी एड़ियां और रुखापन दूर होता है। पैरों की त्वचा को कोमल, मुलायम और स्वस्थ बनती हैं। (Photo Source: Pexels) -
कौन सा तेल चुनें आपकी प्रकृति के अनुसार
तिल का तेल (Sesame Oil)
वात दोष को शांत करने वाला यह तेल सबसे श्रेष्ठ माना गया है। यह नसों को मजबूत बनाता है, जोड़ों की जकड़न और थकान को दूर करता है तथा नींद में सहायक है। (Photo Source: Freepik) -
नारियल तेल (Coconut Oil)
पित्त दोष को संतुलित करता है। यह पैरों को ठंडक और नमी देता है। सूजन या जलन की समस्या में विशेष रूप से लाभकारी है। (Photo Source: Freepik) -
घी (Ghee)
आंखों की रोशनी बढ़ाने और मानसिक शांति के लिए उत्तम। यह बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए बेहद उपयोगी है। त्वचा को कोमलता और मस्तिष्क को पोषण देता है। (Photo Source: Freepik) -
सरसों का तेल (Mustard Oil)
सर्दियों के लिए सर्वोत्तम विकल्प। यह रक्तसंचार को बढ़ाता है, ठंड से बचाता है और मांसपेशियों को गर्माहट देता है। (Photo Source: Freepik) -
जैतून का तेल (Olive Oil)
Vitamin E से भरपूर। यह त्वचा को पोषण और कोमलता प्रदान करता है। मांसपेशियों की थकान दूर करता है और मानसिक तनाव कम करता है। (Photo Source: Pexels) -
मालिश का सही तरीका
सोने से पहले पैरों को हल्के गुनगुने पानी से धो लें। अपनी प्रकृति या मौसम के अनुसार तेल चुनें। तेल को थोड़ा गुनगुना कर लें। तलवों, एड़ियों और उंगलियों के बीच हल्के हाथों से 5–10 मिनट तक गोलाई में मालिश करें। मालिश के बाद 10–15 मिनट रुकें ताकि तेल त्वचा में समा जाए। चाहें तो हल्के सूती मोजे पहनकर सो जाएं, ताकि तेल कपड़ों पर न लगे। (Photo Source: Pexels)
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