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सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) जब से राजनीति में आई, तब से ही उनका विरोध शुरू हो गया। कांग्रेस ने उन्हें राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की मौत के बाद पार्टी का अध्यक्ष भी बना दिया। यदि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मां सोनिया को पीएम बनने से न रोका होता तो वह अपनी सास इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की तरह देश की प्रधानमंत्री भी बन जातीं। सोनिया के राजनीति में आने के बाद से उनके जीवन को खंगालना केवल विपक्ष ने ही नहीं किया, बल्कि उनके जीवन पर तमाम किताबें भी लिखी गईं। इसमें से ज्यादातर राइटर की लिखी किताबों का कभी कांग्रेस तो कभी खुद सोनिया ने विरोध किया है। एक ऐसी ही किताब स्पैनिश राइटर ने ‘द रेड साड़ी’ ('The Red Sari) लिखी है। तो चलिए आज रेड साड़ी के राज के बारे में जानें।
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स्पैनिश राइटर जेवियर मोरो (Javier Moro) ने ‘द रेड साड़ी’ ने सोनिया गांधी के जीवन पर इस किताब को लिखा था। साल 2008 में ये किताब स्पेन पब्लिश हुई थी। इसके बाद इसे इटेलियन, फ्रेंच, डच और इंग्लिश में भी ट्रांसलेट किया गया था। (<a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/rahul-gandhi-did-not-allow-sonia-gandhi-to-become-because-of-this-fear-prime-minister-natwar-singh-had-disclosed/1736492/"> तो इस डर से राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को नहीं बनने दिया पीएम ! वजह सुनकर चौंक जाएंगे आप </a> )
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राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के प्रधानमंत्री बनने के बाद घर-परिवार को समय कम दे पाते थे, लेकिन जब भी वह समय पाते थे वह परिवार के साथ घूमने निकल जाते थे। राजीव गांधी, सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के साथ अकेले समय नहीं गुजार पाते थे। खासकर, जब भी वह घूमने निकलते थे तो उनके पीछे सुरक्षा अधिकारियों का रेला साथ चलता था, लेकिन एक बार राजीव गांधी ने सोनिया गांधी संग एकांत में घूमने के लिए कुछ ऐसा किया था कि उनकी सुरक्षा में लगे अधिकारियों के हाथ-पांव ही फूल गए थे। चलिए जाने क्या था वह किस्सा।
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ज़बरदस्त बारिश हो रही थी और प्रधानमंत्री के काफ़िले की सभी छह कारें बिना चाबी के राजाजी मार्ग के बीचों-बीच खड़ी थीं। सभी सुरक्षा अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे थे लेकिन करीब पंद्रह मिनट बाद उनकी जान में जान आई जब उन्हें पता चला कि राजीव सकुशल सात रेसकोर्स रोड पर पहुंच गए हैं।
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किताब में लिखा है कि सोनिया एक सादा जीवन जीना चाहती थी, लेकिन वे राजनीति में भी एंट्री ले लीं। इस किताब का ना रेड साड़ी इसलिए पड़ा था, क्योंकि सोनिया ने राजीव से शादी के समय जिस साड़ी को पहना था वो उनकी सास यानी इंदिरा ने दी थी। ये साड़ी इंदिरा के पिता पंडित जवाहर लाल नेहरू में ने जेल में रहने के दौरान खुद बुनी थी। (<a href=" https://www.jansatta.com/photos/picture-gallery/sonia-gandhi-revealed-to-rajdeep-sardesai-aaj-tak-journalist-about-her-mil-indira-gandhi-relationship-when-rajiv-gandhi-mother-told-congress-mp-rahul-gandhi-mother-that-she-also-felt-in-love/1734895/"> जब सोनिया गांधी से सास इंदिरा ने कहा था- घबराओ मत, मैं भी जवान थी और मैंने भी प्यार किया है</a> )
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बता दें कि नेहरू ने अपने दो नातियों की बहुओं के लिए दो लाल रंग की साड़ी बुनी थी। जिसे इंदिरा ने सोनिया और मेनका को उनकी शादी पर दिया था।
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बता दें कि रेड साड़ी किताब को ‘ए ड्रामेटाइज़्ड बायोग्राफी ऑफ सोनिया गांधी’ कहा जाता है, लेकिन भारत में कांग्रेस को इस बुक का विरोध किया था। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की जून 2010 की एक रिपोर्ट में जेवियर से फोन पर बातचीत का जिक्र है।
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जेवियर ने बताया था कि वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने उनके स्पैनिश और इटेलियन पब्लिशर्स को मेल किया था और कहा था कि स्टोर से इस किताब को हटा दिया जाए। (<a href=" https://www.jansatta.com/photos/picture-gallery/sonia-gandhi-interesting-story-when-rahul-gandhi-mother-and-congress-chief-celebrate-on-the-road-of-delhi/1734436/"> जब जश्न मनाने देर रात सड़कों पर निकल पड़ी थीं सोनिया गांधी, कांग्रेस चीफ को झूमता देख दंग रह गए थे लोग </a> )
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कांग्रेस ने जेवियर पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने फैक्ट्स के साथ छेड़छाड़ की है और गलत जानकारी दी है। जेवियर मोरो ने तब कहा था कि उनकी किताब बायोग्राफी नहीं है, एक नॉवेल है। लेकिन नॉवेल होने के बाद भी सच्चाई से छेड़छाड़ नहीं की गई। (All Photos PTI)
