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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बैठकर काम करने का चलन आम हो गया है। घंटों कंप्यूटर के सामने बैठना, स्ट्रेसफुल लाइफ और अनियमित खानपान – ये सब मिलकर सबसे पहले असर डालते हैं हमारे पेट पर। बढ़ती हुई पेट की चर्बी न सिर्फ हमारी खूबसूरती कम करती है, बल्कि ये कई गंभीर बीमारियों का संकेत भी होती है। (Photo Source: Sadhguru/Facebook)
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योग गुरु सद्गुरु के अनुसार, पेट की चर्बी सिर्फ एक शारीरिक परेशानी नहीं, बल्कि यह आपके शरीर की अंदरूनी असंतुलन की चेतावनी हो सकती है। आइए जानते हैं उनके अनुसार पेट की चर्बी को कम करने और बेहतर स्वास्थ्य पाने के लिए क्या किया जाना चाहिए—
(Photo Source: Sadhguru/Facebook) -
पेट की चर्बी है चेतावनी का संकेत
सद्गुरु बताते हैं कि पेट के आसपास जमा चर्बी हार्मोनल असंतुलन, बांझपन, हृदय रोग और अवसाद जैसे गंभीर समस्याओं से जुड़ी हो सकती है। यह केवल सौंदर्य का मुद्दा नहीं है बल्कि स्वास्थ्य का संकेतक है। (Photo Source: Pexels) -
चलते रहें, बैठना कम करें
सिर्फ एक घंटे का जिम सेशन दिनभर की 8-10 घंटे की बैठने की दिनचर्या की भरपाई नहीं कर सकता। सद्गुरु कहते हैं कि दिनभर थोड़ा-थोड़ा चलना और सक्रिय रहना जरूरी है। लगातार बैठे रहना चुपचाप शरीर को नुकसान पहुंचा रहा है। (Photo Source: Pexels) -
योग है असली समाधान
सद्गुरु के अनुसार हठ योग केवल वजन घटाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह शरीर के भीतर केमिकल और हार्मोनल संतुलन लाने की शक्ति रखता है। वजन उठाने की बजाय यदि हम हठ योग करें, तो शरीर भीतर से स्वस्थ होता है। (Photo Source: Pexels) -
स्ट्रेस को करें नियंत्रित
तनाव शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाता है, जो पेट में फैट जमा करने का काम करता है। योग और ध्यान से मन शांत होता है और शरीर विषैले तत्वों से मुक्त होता है। (Photo Source: Pexels)
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रोजाना चलना है अनिवार्य
सद्गुरु कहते हैं कि हर व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 30 से 40 मिनट टहलना चाहिए। यह ऐच्छिक नहीं, बल्कि अनिवार्य है। लंबे समय तक बैठना पेट की चर्बी को बढ़ाता है। (Photo Source: Pexels) -
नेचुरल डाइट अपनाएं
प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा मीठा और अनियमित समय पर खाना न केवल वजन बढ़ाता है बल्कि पाचनतंत्र भी बिगाड़ता है। सद्गुरु सलाह देते हैं कि ताजे, फाइबर युक्त और नेचुरल भोजन का सेवन करें। (Photo Source: Pexels) -
हर कौर को 24 बार चबाएं
अच्छा पाचन और भोजन से जुड़ाव तब ही संभव है जब हम हर कौर को कम से कम 24 बार चबाएं। अपने हाथों से खाना खाने से भोजन के प्रति ध्यान और आदर भी बढ़ता है। (Photo Source: Pexels) -
दिन में सिर्फ दो बार करें भोजन
सद्गुरु का सुझाव है कि दिन में दो बार भोजन करने से पाचनतंत्र को विश्राम मिलता है, शरीर फैट को जलाने की प्रक्रिया में आता है और बॉडी नेचुरल रिदम के अनुरूप काम करता है। (Photo Source: Pexels) -
बचपन से शुरू करें स्वस्थ आदतें
सद्गुरु मानते हैं कि यदि किशोरावस्था में ही योग और बैलेंस्ड लाइफस्टाइल की आदतें शुरू कर दी जाएं, तो भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं काफी हद तक रोकी जा सकती हैं। (Photo Source: Pexels)
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