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मायावती (Mayawati) ने साल 2003 में भदरी रियासत के तालाब पर कब्जा जमाया था, लेकिन सपा सरकार आते ही मुलायम सिंह (Mulayam Singh Yadav) ने इस तालाब से सरकारी कब्जा हटा दिया, लेकिन साल 2009 में मायावती दोबारा सत्ता में आई और आते ही सबसे पहले इस तालाब पर वापस से सराकरी कब्जा जमा दिया। 600 एकड़ तालाब को पक्षी विहार बना दिया गया , लेकिन राजा भैया (Raja Bhaiya) के किले से होकर जाने वाले पक्षी विहार में आज तक एक भी पर्याटक ने कदम नहीं रखा है।
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यह सच है कि राजा भैया के किले के अंदर विभिन्न प्रजातियों के पक्षी आते रहते हैं और वहां वास भी करते हैं। हरियाली और पर्यावरण की मिलास बना बेंती किला पशु-पक्षी के लिए आदर्श जगह है। इसे भी पढ़ें- राजा भैया के किले की पहरेदारी करता है हंटर, भदरी रियासत की रखवाली इंसान से ज्यादा कुत्तों के हवाले है
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बाग बगीचों से गिरा 43 किलोमीटर की परिधि में बसा बेंती किला और इसके तालाब आकर्षण का केंद्र हैं। मायावती ने राजा भैया से अपनी अदावत का बदला उनके तालाब पर कब्जा कर लिया था।
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साल 2009 से भीमराव अंबेडकर बने पक्षी विहार में एक शाही गेस्टहाउस भी बनाया गया था, लेकिन इन दोनों ही जगहों पर आज तक कभी कोई नहीं आया। इसे भी पढ़ें- दो राजघरानों की इस राजकुमारी का कभी राजा भैया तो कभी पति से रहा है विवाद
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राजा भैया के किले को भेदने की हिम्मत कोई नहीं कर सका, क्योंकि ये पक्षी विहार किले के अदंर से होकर जाता है। इसे भी पढ़ें- जमो अमेठी राजघराने से ताल्लुक रखते हैं राजा भैया का दाहिना हाथ माने जाने वाले ये कुंवर
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किले के अंदर बने सरकारी शाही गेस्टहाउस भी खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। उसके खिड़की-दरवाजे गांववाले उखड़ा ले गए। इसे भी पढ़ें- राजा भैया के कुंडा में जब स्टेशन पर रुकती हैं ट्रेंने, शाही अंदाज में होता है यात्रियों का स्वागत
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‘आज तक’ की रिपोर्ट के अनुसार वन विभाग के कर्मचारी बद्रीप्रसाद मिश्र का कहना है कि आज इस पक्षी विहार में कभी किसी पर्यटक को नहीं देखा गया।
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Photos: Social Media