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भारत में घरों और दुकानों के बाहर नींबू-मिर्ची लटकाने का चलन बहुत पुराना है। इसे आमतौर पर बुरी नजर या नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए माना जाता है। बहुत से लोग इसे सिर्फ एक अंधविश्वास मानते हैं, लेकिन क्या आपने कभी इसके पीछे छिपे असली कारण को जानने की कोशिश की है? क्या वाकई यह केवल बुरी नजर से बचाने का टोटका है, या फिर इसके पीछे कोई वैज्ञानिक और लॉजिकल रीजन भी है? आइए इस प्रचलित अंधविश्वास के पीछे की पूरी सच्चाई जानें। (Photo Source: Pexels)
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नींबू-मिर्ची टांगने का अंधविश्वास क्या है?
लोग मानते हैं कि नींबू और मिर्ची को दरवाजे पर लटकाने से बुरी नजर, नकारात्मकता और शैतान दूर रहता है। इससे व्यापार में लाभ होता है और घर-परिवार सुरक्षित रहता है। इसलिए हर किसी के घर या दुकान के बाहर ये टोटके नजर आते हैं। (Photo Source: Pexels) -
असल में क्या है नींबू-मिर्च का लॉजिकल रीजन?
नींबू और हरी मिर्च दोनों में औषधीय और कीटनाशकीय गुण पाए जाते हैं। ये दोनों ही अपने तीखे और खट्टे स्वाद के कारण हवा में मौजूद कई प्रकार के कीटाणुओं और कीड़ों को दूर रखने में मदद करते हैं। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड वातावरण को शुद्ध करता है और मक्खियों, मच्छरों को दूर रखता है। (Photo Source: Pexels) -
वहीं, मिर्च में पाया जाने वाला कैप्सेसिन सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जीवों को भगाने में सहायक होता है। नींबू और मिर्च की गंध छिपकलियों व अन्य रेंगने वाले कीड़ों को पास नहीं आने देती। (Photo Source: Pexels)
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प्राचीन भारत में था इसका अलग उपयोग
जब आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं नहीं थीं, तब हमारे पूर्वजों के पास प्रकृति आधारित समाधान होते थे। लंबी यात्राओं में जब लोग बैलगाड़ी या पैदल चलते थे, तो वे नींबू और मिर्च को एक ‘प्राकृतिक फर्स्ट एड किट’ की तरह अपने साथ रखते थे। (Photo Source: Pexels) -
डिहाइड्रेशन की स्थिति में नींबू का रस शरीर को राहत देता था। वहीं, सांप-बिच्छू के काटने की स्थिति में मिर्च का तीखापन शरीर में जहर की पहचान करता था – अगर तीखापन महसूस न हो, तो यह माना जाता था कि शरीर में जहर फैल चुका है। (Photo Source: Pexels)
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अगर यात्रा के दौरान रात में कहीं रुकना पड़े तो नींबू मिर्ची में कोयले का एक छोटा टुकड़ा लगाया जाता था। जो एक तरह से फायर स्टारटर का काम करता था। कोयले के टुकड़े के साथ नींबू-मिर्च का उपयोग फायर स्टार्टर के रूप में भी किया जाता था। (Photo Source: Pexels)
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घर-दुकान पर लटकाने की परंपरा कैसे शुरू हुई?
जब यात्री अपने घर वापस लौटते थे, तो नींबू-मिर्च को दरवाजे पर टांग देते थे, ताकि अगली यात्रा में उसे लेना न भूलें। धीरे-धीरे यह आदत परंपरा बन गई और समय के साथ इसकी तार्किक व्याख्या छिप गई। लोगों ने इसकी जगह अंधविश्वासों की कहानियां बना लीं। (Photo Source: Pexels) -
जरूरत है जागरूकता की
इस तरह की परंपराएं यह दर्शाती हैं कि हमारे पूर्वज कितने वैज्ञानिक और व्यावहारिक सोच वाले थे। उन्होंने हर चीज में प्रकृति, स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखा। लेकिन समय बीतने के साथ हमने तार्किक सोच को भुला दिया और परंपराओं को अंधविश्वास का रूप दे दिया। (Photo Source: Pexels)
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