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सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने अपने बेटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को इंजीनियरिंग की पढ़ाई छुड़ाकर राजनीति में बुलाया था। उस वक्त अखिलेश ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे थे और राजनीति का ककहरा तक नहीं जातने थे, लेकिन जब अखिलेश राजनीति में उतरे तो उनके राजनैतिक गुरू बने थे जनेश्वर मिश्र (Janeshwar Mishra)। जनेश्वर मिश्र ने उन्हें सर्वप्रथम राजनीति का जो पाठ पढ़ाया था, उस पाठ को अखिलेश ने तन्मयता से पालन किया। लेकिन अखिलेश में आए बदलाव से उनके नाते-रिश्तेदार ही नहीं कई कदावर नेता भी नाखुश हो गए थे। क्या था ये बदलाव और राजनीति की पहली सीख आइए आपको बताएं।
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बता दें कि जिस उम्र में मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्री बने उस उम्र में अखिलेश यूपी के सीएम बन गए थे। मुलायम रक्षा मंत्री 38 साल की उम्र में बने थे।
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बहुचर्चित किताब 'कनटेंडर्स- हू विल लीड इंडिया टुमॉरो' लिखने वाली प्रिया सहगल ने लिखा है कि असल में अखिलेश के जीवन में मुलायम सिंह यादव नहीं, बल्कि जनेश्वर मिश्र ने एक बुज़र्ग सलाहकार की भूमिका निभाई थी।( <a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/when-akhilesh-yadav-accused-amar-singh-of-spoiling-the-habit-of-mulayam-singh-yadav/1713898/"> खाट पर सोने वाले मेरे बाप को फाइव स्टार की आदत लगा दी- जब अमर सिंह पर निकला था अखिलेश यादव का गुस्सा </a> )
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जब अखिलेश पार्टी के अध्यक्ष बन गए, तो जनेश्वर मिश्र ने उनसे कहा कि दो साल खूब मेहनत करो और वह खुद एक दिन उनकी रैली में आ कर 'अखिलेश ज़िंदाबाद' के नारे लगाएंगे और तभी तुम्हे पार्टी के बाकी लोग भी अपना नेता मानेंगे।
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बता दें कि जनेश्वर मिश्र ने ही अखिलेश यादव को उनके राजनीतिक जीवन की पहली सीख दी थी। उन्होंने अखिलेश से कहा था कि वह 35 साल की उम्र हो जाने के बावजूद पार्टी के सीनियर नेताओं के पैर छूते हैं। यह सही नहीं है एक राजनितिज्ञ के लिए।
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अखिलेश ने बताया था कि जब वह कॉलेज के अन्य छात्रों से मिले तो उन्हें पता चला कि नोटिस पर लगे दो पेपर में वह केवल पास हुए हैं। पास होने वाले पेपरों को नोटिस बोर्ड पर सूचित किया गया था। (<a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/mulayam-singh-yadav-son-akhilesh-yadav-revealed-shivpal-on-differences-his-headphone-on-when-things-against-him/1729962/"> मेरे खिलाफ जब बातें होती हैं तो मैं हेडफोन लगा सुनने लगता हूं गाने, अखिलेश यादव ने खोला था राज</a> )
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तब अखिलेश ने हंसते हुए कहा था कम से कम मुझे अपने पिताजी के पैर तो छू लेने दीजिए। जब अखिलेश मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने लंदन के हाइड पार्क की तर्ज़ पर जनेश्वर मिश्र की याद में लखनऊ में जनेश्वर मिश्रा पार्क बनवाया। ( All Photos: PTI And Social Media)