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मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) अपने बेटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से ज्यादा अपने भाई शिवपाल (Shivpal Yadav) के साथ हमेशा खड़े रहे हैं। मुलायम यह कहते रहे हैं कि उनके अलावा पार्टी को खड़ा करने में शिवपाल का बहुत बड़ा योगदान रहा है। चाचा शिवपाल यादव-अमर सिंह (Amar Singh) और अखिलेश के बीच हुई तकरार में मुलायम हमेशा शिवपाल के साथ खड़े रहे थे। शिवपाल के पार्टी छोड़ने से नाराज मुलायम ने अपने ही बेटे को बिना मेहनत के सीएम (CM) बनने वाला तक करार दिया था।
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मुलायम और अखिलेश के बीच हुए विवाद के बाद कार्यकार्ता दो गुटों में बंट गए थे। शिवपाल और अखिलेश के घर के बाहर हो रही नारेबाजी से मुलायम बेहद नाराज हुए थे।( बेटे के कर्जदार हैं पिता मुलायम सिंह यादव, दो करोड़ से भी ज्यादा लिया है अखिलेश यादव से लोन )
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मुलायम ने गुस्से में कार्यकताओं के सम्मेलन में यहां तक कह दिया था कि उनके बेटे होने के कारण ही अखिलेश यादव को लोगों ने स्वीकार किया था।
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अखिलेश, शिवपाल को अपना दुश्मन मानते रहे हैं, लेकिन पार्टी में शिवपाल के योगदान को भूला नहीं जा सकता है।( मुलायम सिंह यादव पर जब आईएएस ऑफिसर ने कर दिया था मुकदमा, अखिलेश यादव ने ऐसे किया था पिता का बचाव )
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मुलायम की नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि उन्होंने कहा था कि अखिलेश बिना मेहनत के सीएम बने हैं, पार्टी के लिए उन्होंने कोई मेहनत नहीं की थी।( ‘इनकी आराम तलबी से सपा नहीं बनी राष्ट्रीय पार्टी’, जब पिता मुलायम मंच से ही गिनाने लगे थे अखिलेश यादव की कमियां )
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मुलायम ने कहा था कि अखिलेश को घोषणा पत्र तक बना बनाया मिला था। इसे उन्होंने, शिवपाल और रामगोपाल ने मिलकर तैयार किया था।
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बता दें कि 2012 लोकसभा चुनाव में सपा को केवल पांच सीट मिली थी, तब शिवपाल ने मुलायम से अखिलेश यादव को यूपी की कमान न देने की बात भी कही थी। (All Photos: PTI)
