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राजा भैया (Raja Bhaiya) और कुंवर अक्षय प्रताप सिंह (Kunwar Akshay Pratap Singh alias Gopal Ji) का राजघराना जरूर अलग-अलग है, लेकिन इन राजघराने का याराना सदियों पुराना है। जामो अमेठी राजघराने और भदरी रियासत की तीन पीढ़ियां एक-दूसरे के साथ हमेशा से खड़ी रही हैं।
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इस दोस्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब प्रतापगढ़ से राजकुमारी रत्ना को संसदीय चुनाव में हराना था तो राजा भैया ने अपने भाई समान मित्र कुंवर अक्षय प्रताप को ही चुनाव लडवाया था।
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राजा भैया से किसी भी मामले में कुंवर अक्षय प्रताप की हनक या रियासत कम नहीं रही है। 2004 में राजकुमारी रत्ना को हरा कर कुंवर प्रतापगढ़ सांसद बने थे।
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बता दें कि तीन बार से राजकुमारी रत्ना और कुंवर अक्षय प्रताप सिंह एक दूसरे के विरोध खड़े होते रहे हैं।
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राजा भैया अपने गढ़ से अक्षय प्रताप सिंह को जीतने के लिए पुरजोर मेहनत करते रहे हैं और इसके पीछे वजह केवल दोनों की गहरी यारी है।
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जामो अमेठी के वारिस कुंवर अक्षय प्रताप सिंह के शौक भी अपने मित्र की तरह ही हैं। वह भी अपने क्षेत्र के बाहुबलियों में गिने जाते हैं।
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जामो अमेठी राजघराने का महल न केवल बेहद खूबसूरत है, बल्कि अत्याधुनिक सुविधाओं से इसे लैस किया गया है।
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कुंवर अक्षय प्रताप सिंह के पूर्वजों का साम्राज्य एक समय मध्य प्रदेश तक रहा था।
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