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रिश्तों को निभाना किसी कला से कम नहीं। जब दो अलग-अलग सोच, परवरिश और अनुभव वाले लोग साथ आते हैं, तो मतभेद होना स्वाभाविक है। लेकिन एक मजबूत और सफल रिश्ता वही होता है जिसमें दोनों साथी समझदारी, संवाद और धैर्य के साथ एक-दूसरे के साथ खड़े रहें। (Photo Source: @ayeshashroff/instagram)
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एक्टर जैकी श्रॉफ, जो पिछले 48 सालों से अपनी पत्नी आयशा श्रॉफ के साथ शादीशुदा जीवन बिता रहे हैं, इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। हाल ही में The Guftagu with Kay पॉडकास्ट में जैकी ने अपनी शादी को लेकर एक दिल छू लेने वाली सलाह दी। (Photo Source: @ayeshashroff/instagram)
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जैकी श्रॉफ का गोल्डन रिलेशनशिप मंत्र
जैकी ने अपने मैरिड लाइफ के अनुभव शेयर करते हुए कहा, “आज भी 48 साल हो गए हैं। चिटक के रहने का। जो भी करने ना, चिटक के रहने का। औरत को छोड़ने का नहीं। और बच्चा सीमेंट होना चाहिए। तुम लोग जो भी झगड़ा करो, जो भंगड़ी चलती रहती है, वो तो चलता रहता है बे। वो कहीं और से आई, तू कहीं और से आया। जितना भी टिक रहा है, ऊपर वाले को बोलना ‘थैंक यू’।” (Photo Source: @ayeshashroff/instagram) -
जैकी श्रॉफ की इस सलाह का मतलब है कि चाहे कितनी भी परेशानियां आएं, रिश्ते में बने रहने की कोशिश करनी चाहिए और परिवार को मजबूत बनाना चाहिए। बच्चों को झगड़ों से दूर रखना और उनका सही विकास सुनिश्चित करना भी जरूरी है। (Photo Source: @ayeshashroff/instagram)
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रिश्ते में समझदारी और मेल-जोल कैसे बनाएं?
मनोवैज्ञानिक अंजलि गुरसहानी ने हमारे सहयोगी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान बताया, “हर रिश्ता मतभेदों के साथ चलता है — चाहे वह इमोशनल मैच्योरिटी हो, पर्सनैलिटी हो या लाइफ एक्सपीरियंस। ये मतभेद चुनौतियां पैदा करते हैं, लेकिन साथ ही रिश्ते को गहरा करने और बेहतर बनाने का अवसर भी देते हैं।” डॉ. अंजलि के अनुसार, एक मजबूत और सुखी रिश्ता बनाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:
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समझदारी बढ़ाएं: यह जानना जरूरी है कि इमोशनल मैच्योरिटी उम्र से नहीं, अनुभव से आती है। बिना आलोचना के अपने साथी के नजरिए को समझने से विश्वास और धैर्य बढ़ता है। (Photo Source: Pexels)
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अंतर को ताकत बनाएं: कई बार एक साथी का व्यवहार दूसरे से बिल्कुल अलग होता है—एक उत्साही तो दूसरा व्यवहारिक। अगर इसे कमजोरी समझने की बजाय ताकत के रूप में अपनाया जाए, तो रिश्ता और गहरा हो सकता है। (Photo Source: Pexels)
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साझा लक्ष्य तय करें: समान मूल्यों और लक्ष्यों पर सहमति से रिश्ते में सामंजस्य बनता है। अगर आप दोनों की प्राथमिकताएं और जीवन मूल्य मिलते-जुलते हैं, तो मतभेदों को पार करना आसान होता है और इसे आसानी से सुलझाया जा सकता है। (Photo Source: Pexels)
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हर व्यक्ति के व्यक्तित्व में कुछ ऐसी बातें होती हैं जिन्हें स्वीकार करना शुरू में कठिन हो सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम फर्क समझें — कौन से मतभेद असहनीय हैं और कौन से केवल अनुकूलन की जरूरत है। सकारात्मक पक्ष पर ध्यान केंद्रित करें और सोचें कि कैसे ये गुण आपके रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं। (Photo Source: Pexels)
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धैर्य, सहानुभूति और समझौता
धैर्य और सहानुभूति के साथ एक-दूसरे की आदतों को अपनाने की कोशिश करें। खुलकर एक दूसरे से बात करें, अपनी भावनाओं को “मैं” से शुरू होने वाले वाक्य जैसे “मुझे ऐसा महसूस होता है…” आपके साथी को दोषी ठहराने के बजाय आपकी बातों को समझने में मदद करते हैं। छोटी-छोटी बातों पर समझौता करना सीखें क्योंकि ये बदलाव रिश्ते में बड़ा अंतर ला सकते हैं। (Photo Source: Pexels) -
सेल्फ अवेयरनेस और संवाद की भूमिका
स्वस्थ रिश्ते के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने और अपने साथी के इमोशनल ट्रिगर्स, एक्सपेक्टेशन और बाउंड्रीज को समझें। इससे आप झगड़ों को शांतिपूर्वक सुलझा सकते हैं और व्यक्तिगत रूप से भी बेहतर बन सकते हैं। (Photo Source: Pexels) -
डॉ. अंजलि कहती हैं, “खुले संवाद और एक्टिव लिसनिंग से पार्टनर को यह एहसास होता है कि उनकी बात सुनी जा रही है और उन्हें सम्मान दिया जा रहा है। नियमित बातचीत से रिश्ते में चल रही समस्याओं को जल्दी समझा और हल किया जा सकता है। अगर दिक्कतें बनी रहें तो काउंसलिंग की मदद लेना भी फायदेमंद होता है।” (Photo Source: Pexels)
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