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बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के आखिरी दिन बेहद कष्टप्रद और डर से भरे थे। राजेश खन्ना अपने आखिरी दिनों में अकेले पड़ गए थे और इस अकेलेपन में उनकी एक साथी थीं अनीता आडवाणी (Anita Advani)। राजेश खन्ना का स्टारडम खत्म हो चुका था और वह कैंसर जैसी बीमारी से लड़ रहे थे। उन दिनों में उनके साथ ज्यादातर अनीता रहा करती थीं। अनीता ने राजेश खन्ना की मौत के बाद उनके अंतिम दिनों की स्थिति के बारे में बताया था। अनीता ने बताया था कि कभी लोगों की आंखों और दिलों मे बसा ये सितारा कैसे अंतिम दिनों में डर के साए में जी रहा था।
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अनीता आडवाणी राजेश खन्ना की करीबी दोस्त थी और उनसे पहली बार एक फिल्म के सेट पर मिली थीं।
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अनीता ने बीबीसी से बातचीत में बताया था कि वह पहली बार राजेश से जब मिली तो बहुत छोटी थीं। उनके एक परिचित ने उन्हें राजेश से मिलवाया था।
अनीता बताती हैं कि राजेश अंतिम दिनों में बेहद अकेले हो गए थे और वह जब भी उनसे मिलने जाती थी तो वह बहुत खुश हो जाते थे। -
अनीता राजेश से साल 2000 के बाद उनके मुंबई स्थित घर आशीर्वाद पर भी मिलने जाने लगी थीं।
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अनीता ने बताया था कि काका को अकेलेपन से बेहद डर लगता था। वो रात को तेज़ आवाज़ में टीवी चलाकर और घर की लाइटें ऑन करके सोते थे।
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अनीता ने बताया कि उन्हें ये बात बहुत अजीब लगती थी। लेकिन अपनी मौत से कुछ दिनों पहले वह सोने से भी डरने लगे थे।
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राजेश खन्ना सोने से कतराने लगे थे और अनीता ने बताया था कि कई बार वह इतने गमगीन हो जाते थे कि उन्हें संभालाना भी मुश्किल होता था।
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वह हमेशा कहते थे कि कोई दूसरे ग्रह से आकर उन्हें ले जाएगा, वह अब ज्यादा जिंदा नहीं रहेंगे।
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अनीता का कहना था कि राजेश उन्हें अपने घर से जाने ही नहीं देना चाहते थे।
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अनीता ने बताया था कि राजेश अपने घर आशीर्वाद को संग्राहालय बनवाना चाहते थे।(All Photos: Social Media)