-
आज की लाइफस्टाइल में मीठा खाना एक आम बात हो गई है। केक, चॉकलेट, मिठाइयां, मीठे ड्रिंक्स और पैक्ड फूड – ये सब रोज की आदत में शामिल हो चुके हैं। (Photo Source: Pexels)
-
लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीनी का ज्यादा सेवन न सिर्फ शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है? (Photo Source: Pexels)
-
आइए जानते हैं कि चीनी आपके दिमाग पर किस तरह असर डालती है, और क्यों बच्चों के मानसिक विकास के लिए यह एक खतरा बन सकती है। (Photo Source: Pexels)
-
नशे जैसी लत पैदा करती है
चीनी आपके ब्रेन के रिवॉर्ड सिस्टम को ठीक उसी तरह उत्तेजित करती है जैसे कुछ नशे करने वाले पदार्थ करते हैं। इसका नतीजा ये होता है कि शरीर को बार-बार मीठा खाने की तलब लगती है। यही वजह है कि लोग अक्सर सिर्फ एक बिस्किट या एक चॉकलेट पर रुक नहीं पाते। (Photo Source: Pexels) -
याददाश्त पर असर डालती है
ज्यादा चीनी लेने से ब्लड ग्लूकोज लेवल तेजी से बढ़ता है, जिससे दिमाग में सूजन (inflammation) हो सकती है। यह सूजन धीरे-धीरे याददाश्त को कमजोर करने लगती है। कई रिसर्च में पाया गया है कि हाई-शुगर डाइट लेने वाले लोगों की स्मृति क्षमता कम होती है। (Photo Source: Pexels) -
मूड को करता है अस्थिर
बहुत से लोग यह नहीं जानते कि चीनी का ज़्यादा सेवन मूड स्विंग्स, एंग्जायटी और उदासी को भी बढ़ा सकता है। एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग चीनी का अत्यधिक सेवन करते हैं, उनमें डिप्रेशन का खतरा 23 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। बच्चों में यह चिड़चिड़ापन, गुस्सा और एकाग्रता की कमी का कारण बन सकता है। (Photo Source: Pexels) -
ब्रेन फंक्शन को करता है कमजोर
चीनी के ज्यादा सेवन से दिमाग की रक्त नलिकाओं को नुकसान होता है। इससे दिमाग में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति कम हो जाती है। नतीजतन, एकाग्रता, सीखने की क्षमता और मोटर स्किल्स (जैसे लिखना, पकड़ना आदि) प्रभावित हो सकती हैं। (Photo Source: Pexels) -
ब्रेन डेवलपमेंट को करता है धीमा
ब्रेन-डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर (BDNF) एक केमिकल है जो सीखने और याददाश्त के लिए जरूरी होता है। चीनी का अत्यधिक सेवन इस केमिकल के उत्पादन को कम कर देता है। बच्चों में यह मानसिक विकास को धीमा कर सकता है और भविष्य में डिमेंशिया जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है। (Photo Source: Pexels) -
बचाव कैसे करें?
बच्चों और बड़ों दोनों के आहार में शुगर की मात्रा सीमित करें। प्रोसेस्ड फूड और सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूरी बनाएं। मीठे की क्रेविंग हो तो फलों या गुड़ जैसे नेचुरल विकल्प चुनें। बच्चों को हेल्दी ईटिंग हैबिट्स के लिए प्रेरित करें। (Photo Source: Pexels)
(यह भी पढ़ें: सेहत के लिए वरदान हैं ये 11 मेडिसिनल प्लांट्स, घर में उगाएं ये पौधे, सर्दी-ज़ुकाम से लेकर स्किन प्रॉब्लम तक दिलाएंगे आराम)