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हेमा मालिनी (Hema malini) को जब पहली बार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा तो हेमा ने साफ कह दिया था कि वह तभी चुनाव लड़ेंगी जब उन्हें श्रीकृष्ण (Shri Krishna) की नगरी मथुरा से टिकट दिया जाएगा। बीजेपी (BJP) राजी हो गई और हेमा को अपने प्रिय श्रीकृष्ण के चरणों में रहने का मौका मिल गया, लेकिन एक बार उन्हें खुद अपने फैसले पर दुख हो गया था। क्यों आइए जानें।
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हेमा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पति धर्मेंद्र नहीं चाहते थे कि वह राजनीति में जाएं, लेकिन हेमा ने उनसे कहा था कि वह राजनीति का भी एक्सपिरियंस लेना चाहती है। जब हेमा को मथुरा से टिकट मिल गया तो धर्मेंद्र भी श्रीकृष्ण के प्रति उनके लगाव को देखकर उन्हें नहीं रोक सके थे।
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हेमा हमेशा से चाहती थीं कि उन्हें श्रीकृष्ण की नगरी में सेवा का मौका मिले और वह जब मिला तो वह खुशी से फूली नहीं समाईं।
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हेमा मथुरा से सांसद बनीं, लेकिन जल्दी ही उनकी खुशी तब काफूर हो गई जब उन्होंने मथुरा में हत्या, लूट और अपराध के मामले बढ़ते देखे।
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तब हेमा ने कहा था कि एक नेता होने से ज्यादा एक औरत होने पर उन्हें अनाथ हुए बच्चे और विधवा हुई औरतों को देखक बहुत कष्ट हुआ।
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हेमा ने कहा कहा था कि मथुरा में श्रीकृष्ण से ज्यादा कंस पैदा होने लगे हैं। उन्हें अफसोस होता है कि श्रीकृष्ण की नगरी में इतने अत्याचार हो रहे हैं और वह यहां भगवान का वास जानकर आई थीं।
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हेमा का कहना था कि उन्होंने कभी ऐसा सोचा था कि यहां ऐसा आतंक होगा। वह तो यहां यह सोचकर आई थीं कि मथुरा भगवान कृष्ण की नगरी है और यहां कण-कण में कृष्ण का वास होगा लेकिन अब यहां कंस ज्यादा नजर आ रहे हैं।
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हेमा ने बताया था कि कान्हा की नगरी में जब वह यह सब देंखी तो उनको अपने संसदीय क्षेत्र के चुनाव पर दुख हुआ था, लेकिन फिर उन्होंने तय किया कि वह इस अपराध पर अंकुश लगा कर रहेगीं।
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Photos: Social Media
