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राशि चक्र की प्रथम राशि है मेष, जिसके स्वामी ग्रह ऊर्जा के पुंज मंगल देव हैं। सुर्यपुत्र शनिदेव मंगल की दूसरी राशि वृश्चिक में आसीन हैं, फलस्वरुप मेष राशि के लोग वर्ष पर्यंत शनि की अढईया से ग्रसित रहेंगे। अत: वाद विवाद से बचना बेहतर होगा। यह शनि करियर में मिश्रित सफलता का भी कारक बनता है। फरवरी में संतान को लेकर फ़िक्र सताएगी पर कोई अच्छी खबर भी आएगी।
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राशि चक्र की दूसरी राशि है वृष, जिसके स्वामी दैत्य गुरु शुक्रदेव हैं। ऐश्वर्य के मालिक शुक्र नववर्षारंभ पर मित्र शनि के साथ मंगल की राशि वृश्चिक में गतिशील होंगे। शनि वर्ष पर्यंत वृश्चिक राशि में रह कर आपकी पद प्रतिष्ठा में वृद्धि का कारक बनेंगे पर यही योग जीवनसाथी के पेट या नाभि के निकट कष्ट का भी सबब बनेगा। फरवरी में लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।
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राशि चक्र की तीसरी राशि है मिथुन, जिसके स्वामी ग्रह बुद्धि के स्वामी बुध देव हैं, जिन्हें समस्त ग्रहों में राज कुमार की पदवी हासिल है। बुध नूतन वर्षारंभ में अपनें मित्र शनि की राशि मकर में गतिशील हैं। परिणाम स्वरुप इस राशि के लोगों के वक्तृत्व कौशल में वृद्धि होगी। शनिदेव साल के आरम्भ में मंगल कि राशि वृश्चिक में होंगे, जहाँ वो वर्ष पर्यंत रहेंगे। फरवरी में शारीरिक थकान रहेगी।
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राशि चक्र की छठीं राशि कन्या है, जिसके स्वामी बौद्धिक क्षमता एवं वाणी के स्वामी बुध कहे जाते हैं। साल के आरम्भ में देव गुरु वृहस्पति सूर्य की राशि सिंह में होंगे, जो शारीरिक व मानसिक कष्ट प्रदान करेंगे यह साल उल्लास में वृद्धि का साल होगा। संतान की प्रगति आनंदित करेगी। भाइयों से या भाइयों को कष्ट संभव है। फरवरी का महीना जीवन साथी के कमज़ोर स्वास्थ्य के बावजूद यात्रा या किसी स्वजन से बहुत दिनों बाद मुलाक़ात का आनंद देगा।
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राशिचक्र की पंचम राशि है सिंह, जिसके स्वामी आदि ग्रह सूर्यदेव हैं। यह साल आर्थिक कष्ट व अपनों से मतभेद का साक्षी बनेगा। इस वर्ष संपत्ति और वाहन का सुख तो मिलेगा लेकिन किसी न किसी कारण से मन खिन्न भी रहेगा। फरवरी में संतान या स्वयं पर किसी प्रतियोगिता या प्रतिस्पर्धा का दबाव रहेगा।
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राशिचक्र की चतुर्थ राशि है कर्क, जिसके स्वामी ग्रह मन, धन और संवेदना के स्वामी चन्द्रदेव हैं। यह वर्ष उत्तम बीतेगा। आर्थिक स्थिति बेहतर होगी| किसी नए निर्माण का योग बन रहा है। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। फरवरी माह नए सपनें दिखायेगा और नवीन योजना का खाका खींचेगा।
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राशि चक्र की सप्तम राशि है तुला, जिसके स्वामी ग्रह ऐश्वर्य के मालिक शुक्रदेव हैं| तुला पर साढ़ेसाती का पूर्ण प्रभाव दिखेगा। मन अशांत रहेगा पर साढ़ेसाती के लगभग ६ साल के तनाव के बाद इस राशि के लोगों को इस “उतरते शनि” से राहत मिलेगी। फरवरी में संतान को लेकर कुछ फ़िक्र सी रहेगी। उसका इम्तहान खुद का महसूस होगा। उसकी गलतियाँ मन उदास करेंगी। स्वभाव में झुंझलाहट संभव है| दूसरों का मजाक न बनायें वरना स्वयं का उपहास उड़ सकता है।
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राशि चक्र की अष्टम राशि है वृश्चिक, जिसके स्वामी ग्रह भूमि के पुत्र मंगल देव हैं। सुर्यपुत्र शनि, वृश्चिक राशि में ही आसीन हैं, परिणाम स्वरुप वृश्चिक राशि के लोग वर्ष पर्यंत शनि की साढ़ेसाती से ग्रसित रहेंगे। साढ़ेसाती का यह दूसरा चरण मिला जुला फल देगा। फरवरी में चिंतनशील रहेंगे। संतान के भविष्य की योजना में उलझे रहेंगे।
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राशिचक्र की नवम राशि है, धनु, जिसके स्वामी वृहस्पति हैं। लचीला रवैया अख्तियार करनें से मुसीबत से बचा जा सकता है। किसी अपनें के पास फंसा धन मानसिक पीड़ा देगा। धनु राशि के लोग साढ़े साती के प्रथम चरण को भोग रहे हैं। पत्नी या पिता से सम्बन्ध प्रभावित होने का खतरा है। धैर्य और विनम्रता से परिस्थितियों पर काबू किया जा सकता है। फरवरी में खर्च में वृद्धि होगी। आज की खरीदारी, कल पर टालनें से लाभ होगा।
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राशिचक्र की दसवीं राशि है मकर, जिसके स्वामी ग्रह न्याय के देवता कहे जानें वाले शनि देव हैं। यह वर्ष मकर राशि वालों को विशिष्ट धन लाभ प्रदान करेगा| निवेश में सावधानी बरतें। दुर्घटना से सावधानी रखें। कोई छोटी शल्य क्रिया संभव है। फरवरी का महीना बेहतर महसूस होगा। किसी पुराने प्रियजन से संपर्क स्थापित होगा। संतान के भविष्य को लेकर विचारों में खोये रहेंगे।
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राशि चक्र की एकादश राशि है कुम्भ जिसके स्वामी सूर्य पुत्र शनि देव हैं। शनि करियर में संबल प्रदान करते हुए ज्ञान का कारक बनेगा। नए बरस में राहु कन्या और केतु मीन में रह कर कुम्भ राशि के लोगों को कष्ट प्रदान करेगा। यह प्रतिष्ठा में कमी का भी योग निर्मित करता है। घुटनों, हड्डियों और मांसपेशियों का दर्द कष्ट देगा। दाम्पत्य जीवन में थोडा तनाव संभव है। वाद विवाद से सर झुका कर दुरी बनाने में ही भलाई है। फरवरी में किसी पुराने मित्र से मुलाक़ात सुख देगी। किसी सलाहकार की सलाह से लाभ होगा।
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राशिचक्र अंतिम राशि है मीन, जिसके स्वामी वृहस्पति हैं। पूर्व में किसी का अपमान आपके भाग्य पर नकारात्मक प्रभाव दाल रहा है। आपकी गलतियाँ पिता के अंतर्मन में भय और दुःख अंकित करेंगी। कर्ज़ वापसी का दबाव बढेगा। व्यय होगा। सेहत बेहतर रहेगी। अच्छी खबरें मिलेंगी। फरवरी में क़र्ज़ का कुछ हिस्सा निपट जानें का हर्ष होगा। मन में कपट न रखें। भाई बहनों और रिश्तेदारों का ऋण यथासंभव वापस करनें की सोचें, अन्यथा आगे न बढ़ सकेंगे।
