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राजा भैया कुंडा से साल 1993 में पहली बार विधायकी का चुनाव जीते थे, लेकिन उनके चुनाव लड़ने पर साल 2012 में तब विवाद उठा जब राजा भैया ने चुनावी हलफनामे में अपनी उम्र का जिक्र किया। असल में पहले चुनावी हलफनामे और 2012 में पेश किए गए हलफमनामे में उम्र का अंतर नजर आया था।
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साल 2012 में राजा भैया ने अपनी उम्र कम बताई और इसके बाद से ही यह सवाल उठने लगे थे कि राजा भैया ने अपना पहला चुनाव किस उम्र में लड़ा था। इस भी पढ़ें-राजा भैया के गढ़ में चुनौती देती रही है ये राजकुमारी
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2012 में राजा भैया ने चुनाव आयोग को जो हलफनामा दिया था उसमें उनकी उम्र 38 साल बताई गई थी। इस भी पढ़ें- जब बीच सड़क राजा भैया ने उतारा था अपना एयरक्राफ्ट
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चुनाव आयोग में दाखिल किए गए शपथ पत्र के आधार पर यह सामने आया था कि जब वे पहली बार कुंडा से विधायक चुने गए थे, उस समय उनकी उम्र महज 19 साल रही होगी। इस भी पढ़ें- आज भी लगता है कुंडा में राजा भैया का दरबार
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भारतीय कानून के अनुसार विधायक बनने की उम्र सीमा कम से कम 25 साल होनी चाहिए। इसके बाद विरोधियों के लिए ये एक मुद्दा बन गया था। इस भी पढ़ें- राजा भैया कि बेटियां शूटिंग और घुड़सवारी में हैं चैंपियन
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पहली बार चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफनामे के हिसाब से 2012 में उनकी उम्र 45 साल होनी चाहिए थी। 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में दिए गए शपथ पत्र में उन्होंने अपनी उम्र 33 और 38 साल बताई थी।
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जबकि राजा भैया का कहना था कि बार कुंडा से वर्ष 1993 में विधायक बने थे उस समय वह लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे थे और उनकी उम्र लगभग 26 साल थी।(All Photos: PTI)