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भारतीय राजनीति में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का कुनबा सबसे बड़ा माना जाता है। इस कुनबे से पिता-बेटे ही नहीं चाचा, भतीजे, बहू-बेटियां सब राजनीति में उतर आए हैं। मुलायम के बेटे अखिलेश (Akhilesh Yadav) के बाद उनकी सौतेली मां साधना गुप्ता (Sadhna Gupta) की बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) भी राजनीति में आ चुकी हैं। ससुर मुलायम ही नहीं जेठ अखिलेश के विचारों से कई बार अलग अपर्णा ऐसा काम कर देती हैं, जो न केवल सपा के राजनैतिक मुद्दे पर चोट करती हैं, बल्कि पारिवारिक विचारों से भी अलग होती है। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि अपर्णा यादव किन-किन मुद्दों पर अपने ससुर मुलायम और जेठ अखिलेश से अलग विचार व्यक्त किया है।
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राम मंदिर निर्माण चंदे की बात हो या राम कार्यसेवकों पर गोली चलवाने का मुद्दा, अपर्णा हमेशा अपनी अलग राय ही रखती हैं।
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29 दिसंबर 2017 में अपर्णा ने तीन तलाक बिल लाने के लिए बीजेपी सरकार की तारीफ की थी। अर्पणा यादव ने ट्वीट कर कहा था कि इस कदम का स्वागत होना चाहिए। जबकि सपा ने लोकसभा में सपा के तीन तलाक बिल का विरोध किया था।
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नवंबर 2013 में अपर्णा ने अपने जेठ अखिलेश यादव की सरकार को ‘भौकाल सरकार’ बताया दिया था।( अखिलेश यादव के ईवीएम में गड़बड़ी के सवाल पर मुलायम की बहू अपर्णा यादव ने उठाई थी उंगली, जेठ के तर्क को ठहराया था गलत )
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साल 2014 में अपर्णा ने यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पीएम नरेंद्र मोदी से नेतृत्व सीखने की सलाह भी दे डाल थी।
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साल 2014 में ही फैजाबाद के माटी रत्न समारोह में अपर्णा ने पीएम मोदी की तारीफ में कसीदे कढ़े थे। जबकि सपा भाजपा की धुर विरोधी पार्टी है।( ‘मुझे तो जानबूझ कर अपनों ने हराया था’, मुलायम की बहू अपर्णा यादव ने चुनाव हारने के बाद बयां किया था दर्द )
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साल 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद वह सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंची थीं और बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक इफ्तार पार्टी में भी नजर आई थीं।
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मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की शादी अर्पणा बिष्ट यादव से हुई है।
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हाल ही में अपर्णा ने कोरोना वैक्सीन पर भी अपने जेठ अखिलेश के बयान को दुखद बताया था और कहा था कि उनके जेठ का ये बयान उनका व्यक्तिगत बयान है और वह इससे सहमत नहीं हैं। (All Photos: PTI)
