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अपराजिता (जिसे आम तौर पर नीलकमल/ब्लू पी फ्लावर या वैज्ञानिक नाम Clitoria ternatea कहा जाता है) आयुर्वेद की एक खूबसूरत और अनेक गुणों वाली जड़ी-बूटी है। पारंपरिक ग्रन्थों और लोक चिकित्सा में इसे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लाभों के लिए जाना गया है। नीचे दिए गए नुस्खे पारंपरिक उपयोगों पर आधारित हैं — फिर भी कोई भी उपचार शुरू करने से पहले हमेशा किसी प्रमाणित आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह लें। (Photo Source: Unsplash)
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क्या है अपराजिता?
अपराजिता की नीली-बैंगनी फूलों वाली बेल दिखने में आकर्षक होने के साथ, आयुर्वेद में मनःशांति, स्मृति वृद्धि और नेत्र स्वास्थ्य के लिए उपयोगी मानी जाती है। यह रसदार फूल आयुर्वेद के अनुसार ताजगी (śita), स्निग्धता और तंत्रिका तन्त्र को शांत करने वाले गुणों से समृद्ध माना जाता है। (Photo Source: Pexels) -
बुद्धिवर्धक (मैमोरी और मानसिक शांति)
नुस्खा: ताजे अपराजिता के फूल का पेस्ट बनाकर उसमें शुद्ध गोमूत्र/घी (cow ghee) की एक चम्मच मिलाएं (यदि आप घी प्रयोग करना चाहती हैं तो)। सुबह खाली पेट एक छोटी चम्मच लें।
फायदे: यह उपाय पारंपरिक रूप से मन को शांत करने, चिंता कम करने और ध्यान/स्मृति को सहारा देने के लिए सुझाया जाता है। (Photo Source: Pexels) -
सिरदर्द — तनाव से होने वाला सिरदर्द
अपराजिता हर्बल टी: 1 कप पानी में 1 भाग अपराजिता फूल + कुछ गुलाब की पंखुड़ियाँ + चुटकी भर इलायची पाउडर डालें। 3–4 मिनट उबालें, छानकर दिन में 2–3 बार पिएं।
नोट: यह चाय तनाव, हल्की अनिद्रा और सिरदर्द में पारंपरिक राहत देने के लिए प्रयोग में आती है। गंभीर या बार-बार होने वाले सिरदर्द में चिकित्सक से अवश्य सलाह लें। (Photo Source: Pexels) -
उच्च रक्तचाप (Hypertension) के लिए सहायक उपाय
इन्फ़्यूज़्ड वॉटर: 1 लीटर पानी में 6–7 ताजे अपराजिता फूल और 1 छोटी इलायची डालकर दिन भर रख दें; दिन भर धीरे-धीरे इसका सेवन करें।
नोट: जीवनशैली, आहार और औषधीय उपचार पर चिकित्सा मार्गदर्शन जरूरी है — सिर्फ घरेलू उपाय पर्याप्त नहीं होते। (Photo Source: Pexels) -
मेनोपॉज और भारी माहवारी (Menopause / Heavy Bleeding)
500 ml पानी में 6–7 ताजे फूल रातभर भिगोकर रखें और दिन में धीरे-धीरे पिएं। यह परंपरागत रूप से हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी परेशानियों में आराम देता माना गया है।
नोट: भारी रक्तस्राव या मेनोपॉज से संबंधित किसी भी लक्षण के लिए पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें। (Photo Source: Pexels) -
आंखों के लिए — जलन और लालिमा कम करें
पेस्ट का इस्तेमाल: 3–4 ब्लू पी फूल गोदकर थोड़ा दूध या शुद्ध पानी मिलाकर हल्का पेस्ट बनाएं। आंखों के चारों ओर (त्वचा पर) 10–15 मिनट लगाकर रखें और ठंडे पानी से धो लें।
सावधानी: आंखों के भीतर सीधे कोई पेस्ट डालें नहीं; यदि नेत्र सम्बन्धी गंभीर लक्षण हों (दृष्टि में परिवर्तन, तेज दर्द), तुरंत नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें। (Photo Source: Pexels) -
उपयोग की सामान्य टिप्स और सावधानियां
किसी भी घरेलू नुस्खे को नियमित दवा मानकर नहीं चलाएं। खासकर उच्च रक्तचाप, हार्मोनल समस्याएं, गर्भवस्था, स्तनपान या कोण-सी भी क्रॉनिक बीमारी में आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है। (Photo Source: Pexels) -
यदि किसी को जड़ी-बूटियों से एलर्जी है तो प्रयोग से पहले पैच-टेस्ट करें। गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे किसी भी जड़ी-बूटी का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लें। दवाओं के साथ इंटरैक्शन हो सकता है — नियमित दवा ले रहे हों तो वैद्य को बताना न भूलें। (Photo Source: Pexels)
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