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साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में अदिति सिंह कांग्रेस से चुनाव लड़ी और जीती भी थीं। अदिति पार्टी अपने पिता अखिलेश सिंह की तरह ही बेहद निडर और दंबग नेता की छवि रखती हैं। यही कारण था कि पार्टी आलाकमान को नसीहत देने से लेकर विरोधी दल के फैसलों तक पर वह ख्रुल कर अपनी प्रतिक्रिया देती थीं। कई बार वह कांग्रेस के विरोध और बीजेपी के पक्ष में अपनी बात कह देती थीं और यही कारण था कि कांग्रेस में उनका स्थान बागी नेताओं में दर्ज हुआ था।
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अदिति ने यूएसए की ड्यूक यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। राजनीति में अदिति को लाने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रही हैं और अदिति कांग्रेस में जब शामिल हुईं तो प्रियंका की तारीफ करते नहीं थकती थीं।
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अदिति ने तब कहा था कि प्रियंका बहुत ही सशक्त महिला हैं। वह उनकी गाइडेंस में राजनीति में आना चाहती थीं, इसीलिए कांग्रेस से चुनावी पारी शुरू की।
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कांग्रेस पार्टी ने भले ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध किया था, लेकिन अदिति अकेली कांग्रेसी थीं जिन्होंने मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया। अदिति ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए इस पर राजनीति नहीं करने की अपील की थी।
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पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के पार्टी छोड़ने पर अदिति सिंह कांग्रेस में रहते हुए ही कांग्रेस पर हमलावर हो गई थीं। उन्होंने कहा था कि जितिन प्रसाद जैसे पढ़े-लिखे, युवा, अनुभवी और बड़े नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, तो इस पर कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए।
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इतना ही नहीं, और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर भी कहा था कि कांग्रेस के इस नुकसान की भरपाई कभी नहीं हो सकती।
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कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जाने वाले नेताओं पर कांग्रेस के गंभीरता न दिखाने अदिति ने कहा था की यूपी कांग्रेस में नेता ही कितने बचे हैं, जिन्हें प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और उनकी टीम नहीं संभाल पा रही है। यह लल्लू के लिए भी मंथन का विषय है।
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अब जब अदिति ने भी बीजेपी का दामन थाम ली हैं तो प्रियंका पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ रहीं।
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अदिति कृषि कानून पर भी प्रियंका के खिलाफ बयानबाजी की थी। अदिति ने कहा था कि कृषि कानून बिल आने और निरस्त होने पर भी प्रियंका गांधी को दिक्कत हुई। प्रियंका इस मामले का सिर्फ राजनीतिकरण कर रही हैं और उनके पास मुद्दे नहीं हैं।
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Photos: PTI and Social Media