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खांचे में अच्छा खासा धंस गया है ये ट्रैक्टर,लगता रहेगा जोर
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सिर से झरना बह निकला,अब सूखा नहीं रहेगा इनके इलाके में
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वाह भाई,कमाल ही कर दिया,हल और साइकिल ही मुहं से उठा ली
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ये देखिये इन्हें,कहीं तो बाइक ही अादमी को लेकर चलती है और यहां तो आदमी ही अपने सिर पर बाइक लेकर चल रहा है
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क्या दिन आ गये हैं,बाइक वाले को धक्का देना पड़ रहा है चौपहिया वाहन में
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साइकिल कहना तो अपराध होगा इसे क्योंकि ये तो मालगाड़ी ट्रेन से कम नहीं है
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गुब्बारें हों या गेंद हों,इसका चलना ही चमत्कार है
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ऑटो के साथ छेड़खानी महंगी पड़ती है
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ये कहा जायेगा कि सुंई की नोंक पर अंडा थामना
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घर नहीं ये तो चमत्कार है,कोई फरिश्ता ही रह सकता है यहां