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आखिरकार लोकेश राहुल ने एक टेस्ट बल्लेबाज के तौर पर अपनी उपयोगिता साबित कर दी। राहुल ने एक बेहतरीन टेस्ट सलामी बल्लेबाज की भूमिका में खरा उतरते हुए सिडनी टेस्ट के तीसरे दिन गुरुवार को अपनी टीम के लिए 110 रनों की पारी खेली। (फोटो: एपी)
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इस पारी के दौरान राहुल ने 356 मिनट पिच पर बिताए और 262 गेंदों का सामना कर 13 चौके और एक छक्का लगाया। इस पारी के बाद शायद ही राहुल को पता चला हो कि उन्होंने एक रेकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। (फोटो: एपी)
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23 साल बाद भारत के किसी सलामी बल्लेबाज ने ऑस्ट्रेलिया में इतने गेंदों का सामना किया है। इससे पहले 1992 में रवि शास्त्री ने ऐसा किया था। राहुल की यह पारी कई मायने में अहम है। (फोटो: एपी)
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मेलबर्न टेस्ट की दोनों पारियों में निराशाजनक तौर पर आउट होने पर इस टेस्ट में राहुल के सामने खुद को साबित करने का दबाव था। सिडनी टेस्ट की अपनी इस शतकीय पारी के दौरान राहुल ने रोहित शर्मा (53) के साथ 97 और कप्तान विराट कोहली के साथ 141 रनों की साझेदारी कर टीम को मुश्किल से उबारने का काम किया। (फोटो: एपी)
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मेलबर्न टेस्ट की दोनों पारियों में फ्लॉप होने के बाद लोकेश राहुल को सिडनी में एक और मौका दिया और यह मौका बतौर सलामी बल्लेबाज मिला। यह भूमिका राहुल को सबसे अधिक फबती है क्योंकि अपने घरेलू टीम कर्नाटक के लिए वह सालों से इसी क्रम पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। (फोटो: एपी)
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बीते साल दिल्ली में हुए दिलीप ट्रोफी फाइनल में राहुल ने दोनों पारियों में शतक लगाकर टेस्ट टीम में स्थान हासिल किया था। ये शतक उन्होंने सलामी बल्लेबाज के तौर पर ही लगाए थे। (फोटो: एपी)
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राहुल के लिए उनके इंटरनैशनल टेस्ट करियर की तीसरी और सबसे अहम पारी आसान नहीं रही। एक तरफ तो भारत पहली पारी की तुलना में 572 रन पीछे था और दूसरी तरफ उसने पारी की तीसरी ही गेंद पर मुरली विजय (0) का विकेट गंवा दिया। (फोटो: एपी)
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अपने साथी के आउट होने पर राहुल काफी मनोवैज्ञानिक दबाव में आ गए थे लेकिन उन्होंने जल्द ही खुद को सम्भालते हुए रोहित के साथ एक संयमित पारी खेली। (फोटो: एपी)
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सिडनी टेस्ट का तीसरा दिन राहुल के लिए काफी अहम साबित हुआ क्योंकि इस दिन उन्हें न सिर्फ पहले सत्र की परीक्षा पास करनी थी बल्कि अपने निजी तथा टीम के कुल योग को सम्मानजनक स्तर तक ले जाना था। (फोटो: एपी)
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राहुल दोनों परीक्षा में पास हुए। शतक लगाने के बाद वह जब कप्तान कोहली के गले मिले तो भावुक नजर आए। अर्धशतक पूरा करने के बाद राहुल ने बहुत संक्षिप्त जश्न मनाया था लेकिन शतक की खुशी उनके चेहरे पर साफ देखी जा सकती थी क्योंकि इसके माध्यम से उन्होंने खुद को एक टेस्ट बल्लेबाज के तौर पर साबित कर दिया था। (फोटो: एपी)