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तुर्की की राजधानी अंकारा में वामपंथियों और कुर्द समर्थक विपक्षी समूहों की आयोजित एक शांति रैली में शामिल हुए कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर किए गए दो विस्फोटों में कम से कम 86 लोगों की मौत हो गई। अंकारा के मुख्य रेलवे स्टेशन के पास हुआ यह हमला इस शहर के इतिहास में सबसे जघन्य हमला है और आगामी एक नवंबर को होने वाले मध्यावधि चुनाव से पहले तनाव पैदा हो गया है। (फोटो: एपी)
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विस्फोटों के बाद कार्यकर्ताओं के शव पूरे मैदान में पड़े थे और बैनर भी निकट में बिखरे हुए थे। ये लोग ‘कार्य, शांति व लोकतंत्र’ रैली के लिए एकत्र हुए थे। तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री महमत मुआजिनोगलू ने पत्रकारों को बताया कि 62 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 24 लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि हमले में 186 लोग घायल भी हुए हैं। (फोटो: एपी)
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विस्फोट के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया। यहां 52 साल के अहमद ओनेन ने कहा, ‘हमने भीषण विस्फोट की आवाज सुनी और इसके बाद एक छोटा धमाका हुआ। इसके बाद भागमभाग और अफरातफरी देखी गई। फिर हमने देखा के चारों ओर शव पड़े हुए हैं’। (फोटो: एपी)
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शुरुआती खबरों में कहा गया था कि एक धमाका हुआ है। लेकिन बाद में तुर्की के मीडिया ने कहा कि दो धमाके हुए हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलोंद ने इस हमले की निंदा की है। (फोटो: एपी)
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जिस स्थान पर विस्फोट हुआ वहां दिन में वामपंथी समूहों की शांति रैली का आयोजन किया गया था। रैली के आयोजन में कुर्दिश पीपुल्स डेमोके्रटिक पार्टी के समर्थक भी शामिल थे। तुर्की में ऐसे समय में ये विस्फोट हुए हैं जब वहां एक नवंबर को चुनाव होना है। (फोटो: एपी)