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कुछ फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं करतीं, बल्कि हमें समझती हैं। वे हमारे भीतर चल रही खामोश लड़ाइयों, दर्द, अकेलेपन और मानसिक संघर्षों को पर्दे पर उतार देती हैं। तमिल सिनेमा ने समय-समय पर ऐसी कई सेंसिटिव फिल्में दी हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) जैसे गंभीर विषयों को गहराई से छूती हैं। (Stills From Film)
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Imaikkaa Nodigal (2018)
यह फिल्म ट्रॉमा और उससे जूझने के तरीकों को दर्शाती है। एक CBI अधिकारी अंजलि विक्रमादित्यन एक ऐसे सीरियल किलर की तलाश में है, जिसे सालों पहले मरा हुआ घोषित कर दिया गया था। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती है, मामला उसके निजी जीवन से जुड़ जाता है। फिल्म दिखाती है कि कैसे लगातार खतरा, डर और हिंसा किसी व्यक्ति के मानसिक संतुलन को प्रभावित करती है। (Still From Film) -
Naan Kadavul (2009)
अवहेलना, आध्यात्मिक अलगाव और मानसिक जटिलताओं को दिखाने वाली यह फिल्म बेहद प्रभावशाली है। बचपन में छोड़ा गया रुद्रन एक अघोरी बन जाता है। जब परिवार उसे वापस शहर लाता है, तो वह सामान्य जीवन में खुद को ढाल नहीं पाता। यह फिल्म बताती है कि बचपन का त्याग और भावनात्मक टूटन किसी इंसान को किस हद तक बदल सकती है। (Still From Film) -
Taramani (2017)
आधुनिक रिश्तों में अकेलापन, एंग्जायटी और भावनात्मक उलझनों को बेहद सच्चाई से दिखाती है यह फिल्म। एक रूढ़िवादी युवक और एक फ्री-स्पिरिटेड महिला के बीच पनपा रिश्ता हमें यह समझाता है कि प्यार के साथ-साथ मानसिक समझ और भावनात्मक मेल कितना जरूरी है। (Still From Film) -
Kuttram Kadithal (2015)
गिल्ट और मानसिक टूटन पर आधारित यह एक सेंसिटिव फिल्म है। एक शिक्षिका द्वारा छात्र को थप्पड़ मारने की घटना उसके जीवन को पूरी तरह बदल देती है। यह फिल्म दिखाती है कि अपराधबोध (Guilt) और सामाजिक दबाव किसी व्यक्ति को मानसिक रूप से कितना तोड़ सकता है। (Still From Film) -
Joker (2016)
समाज द्वारा नजरअंदाज किए गए लोगों की मानसिक स्थिति को यह फिल्म गहराई से दर्शाती है। एक आम आदमी खुद को देश का राष्ट्रपति घोषित कर देता है। यह फिल्म व्यंग्य के जरिए बताती है कि सिस्टम की बेरुखी कैसे इंसान को मानसिक रूप से टूटने पर मजबूर कर देती है। (Still From Film) -
Anbe Sivam (2003)
यह फिल्म ट्रॉमा, विकलांगता, हीलिंग और जीवन को देखने के नजरिए पर आधारित है। शारीरिक रूप से घायल लेकिन आत्मिक रूप से मजबूत नल्लासिवम और घमंडी अंबरासु की यात्रा हमें सिखाती है कि दर्द के बावजूद इंसान इंसानियत और प्रेम से जुड़ा रह सकता है। (Still From Film)
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