रामानंद सागर के धारावाहिक श्रीकृष्णा में यशोदानंदन की भूमिका निभाने के बाद से सर्वदमन डी बनर्जी एक जाना-माना चेहरे बन गए हैं। इस रोल को करने के पीछे एक बेहद दिलचस्प कहानी है जिससे शायद हर कोई अंजान है। सर्वदमन डी से जुड़ा यह किस्सा बेहद दिलचस्प है। इसे सुन आपके दिल में सर्वदमन के लिए और भी सम्मान बढ़ जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक जब रामानंद सागर ने डी सर्वदमन को श्रीकृष्ण का रोल ऑफर किया तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया था। सागर के काफी कहने के बाद उन्होंने शिव की भूमिका करने की मांग की थी लेकिन कृष्ण के लिए उन्होंने मना कर दिया था। तस्वीरों के जरिए हम आपको बता रहे हैं आखिर कैसे सर्वदमन ने इस रोल को करने के लिए रामानंद सागर को हां कहा। यूपी के उन्नाव जिले में 1965 को जन्में सर्वदमन का बचपन से ही अध्यात्म की ओर था। अतः उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे अभिनय के क्षेत्र में आएंगे। लेकिन बाद में बड़े पर्दे पर आए जिसके बाद वे टीवी पर काम करने के इच्छुक नहीं थे। -
रामानंद सागर ने जब उन्हें कष्ण के किरदार का ऑफर दिया तो उन्होंने मना करते गए कहा वे यह रोल नहीं कर सकते क्योंकि उनमें शिवा हैं कृष्ण नहीं। फिर सागर के ज्यादा फोर्स करने पर उन्होंने 10 दिन का समय मांगा। सर्वदमन बताते हैं कि उन्होंने यह समय आत्मचिंतन के लिए मांगा था।
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एक इंटरव्यू के दौरान सर्वदमन ने बताया कि, आत्मचिंतन के दौरान ही सर्वदमन डी ने भगवान कृष्ण से शर्त रख दी कि हे प्रभु अगर मैं सचमुच में आपके किरदार के लिए परफेक्ट हूं तो मुझे दर्शन दें। इसी बीच वे ऑटो में बैठ फिल्म डायरेक्टर बासु भट्टाचार्य के घर जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में उन्हें समुंदर की लहरों पर अद्भुत नजारा दिखाई दिया।
शाम के वक्त सर्वदमन ने समंदर की लहरों पर बाल रूपी कृष्णा को नृत्य करते हुए देखा और वे ऑटो में ही बेहोश हो गए। तब तक ऑटो वाला भी रुका रहा और जैसे ही होश आया तो उन्होंने कहा रामानंद सागर के पास चलो। तब उन्होंने कृष्ण का रोल साइन किया। -
रामानंद सागर ने सर्वदमन को यह रोल उनके चेहरे के हंसमुख हाव-भाव, चेहरे पर तेज, जुवान पर सरस्वती और आवाज में जादू को परखकर दिया था।
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यह रोल इतना गजब का था कि जब भी लोग भगवान की पूजा करते हैं सर्वदमन की इमेज को आंखों में उतार लेते हैं।
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सर्वदमन अब अभिनय से दूर आध्यात्म में बिजी हैं। वे ऋषिकेश में रहकर लोगों को मेडीटेशन सिखाते हैं।