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8 अक्टूबर को सांताक्रूज ईस्ट के योग इंस्टीट्यूट में इसके निदेशक डॉ. हंसाजी योगेंद्र का 76वां जन्मदिन मनाया गया। इस दौरान पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित परेश रावल स्पेशल गेस्ट के रूप में शामिल हुए।
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बता दें, परेश रावल पिछले आठ महीनों से इस इंस्टीट्यूट के एक शिक्षक से योग सीख रहे हैं। उन्होंने इस मौके पर योग के कारण उनके जीवन में हुए बदलाव के बारे में बात भी की।
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इस दौरान एक्टर ने मजाकिया अंदाज में अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए कहा, “मैं पद्मश्री हूं, पद्मासन में बैठने की कोशिश कर रहा हूं। फिर भी, मैं कहूँगा कि योग ने मेरे शरीर, मन और आत्मा का उद्धार किया है और मुझे एक बेहतर एक्टर बनाने में मदद हुई है।”
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एक्टर ने आगे कहा, “मेरा मानना है कि जब मैं योग करता हूँ, तो मेरे मन, शरीर और आत्मा का डायलिसिस हो जाता है। मैं फिल्म डायरेक्टर उमेश शुक्ला का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने मुझे योग इंस्टीट्यूट की राह दिखाई।”
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दूसरी तरफ योग इंस्टीट्यूट की निदेशक डॉ. हंसाजी योगेंद्र ने परेश रावल के डायलिसिस वाली बात की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “जैसा मन, वैसा आदमी। योग के आसन आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव डालते हैं।”
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डॉ. हंसाजी योगेंद्र ने आगे कहा, “योग टेक्नोलॉजी का स्त्रोत नेचर है। इसलिए आपको नेचुरल एलिमेंट्स के नाम के बहुत सारे आसन मिलेंगे। जितना आप नेचर के करीब होते हैं, उतना ही आप अंदर से शांत रहते हैं।”
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डॉ. योगेन्द्र ने परेश रावल की तारीफ करते हुए कहा कि 68 साल में उन्होंने योग के मार्ग पर चलने का फैसला लिया है, इसलिए अब वो ऐसे ऐसे ही रहेंगे। उन्होंने कहा, “परेश जी जानते हैं कि कैसे जीवन जीना है और खासकर, कैसे दुनिया के उतार-चढ़ाव को मुस्कुराते हुए लेना है।”
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अपने बर्थडे के मौके पर डॉ. हंसाजी योगेंद्र ने अपनी लेटेस्ट किताब ‘7 सूत्र: बेहतर जीवन के लिए अपने तन और मन को करें रीसेट’भी लॉन्च किया। यह किताब ‘7 Rules to Reset Your Mind and Body for Greater Well-Being’ का हिंदी वर्जन है। इस किताब में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने की जानकारी प्रदान की गई है।