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तब्बू जिनका असली नाम तबस्सुम फातिमा हाशमी है, आज 4 नवंबर को अपना जन्मदिन मना रही हैं। 1971 में जन्मी इस अदाकारा ने हिंदी सिनेमा में एक खास पहचान बनाई है, और उनकी फिल्मी यात्रा भी काफी दिलचस्प है। (Photo Source: @tabutiful/instagram)
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि तब्बू कभी भी फिल्मों में नहीं आना चाहती थीं, मगर किस्मत उन्हें फिल्मी दुनिया में खींच लाई। उनके जीवन और करियर से जुड़े कई दिलचस्प पहलू हैं जिन्हें जानना दिलचस्प होगा। (Photo Source: @tabutiful/instagram)
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तब्बू का फिल्मी परिवार होने के बावजूद वह कभी भी इस दुनिया का हिस्सा बनने की इच्छा नहीं रखती थीं। खुद उन्होंने सिमी गरेवाल के एक इंटरव्यू में कहा था, “मुझे एक्टिंग की दुनिया लुभाती नहीं थी। मेरा फोकस हमेशा पढ़ाई पर था और मुझे फिल्में देखना भी पसंद नहीं था।” (Photo Source: @tabutiful/instagram)
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लेकिन जब किस्मत का पहिया घूमा तो उन्होंने फिल्मी दुनिया से जुड़ने का फैसला किया। कई बार कोशिश करने के बावजूद भी वह इस दुनिया से दूर नहीं हो पाईं और आज इस इंडस्ट्री का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी हैं। (Photo Source: @tabutiful/instagram)
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बता दें, तब्बू ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। देव आनंद ने उन्हें अपनी फिल्म में पहला ब्रेक दिया था। फिल्मी ब्रेक के बारे में अनुपम खेर के शो में तब्बू ने बताया था, “बचपन में मैं एक बर्थडे पार्टी में गई थी जहां मेरी मां की दोस्त सुषमा आंटी भी मौजूद थीं। सुषमा आंटी देव आनंद साहब की साली थीं। उन्होंने मुझे उस बर्थडे पार्टी में देखा।” (Photo Source: @tabutiful/instagram)
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तब्बू ने आगे बताया, “वो जानती थीं कि देव साहब एक चाइल्ड आर्टिस्ट की तलाश में थे जो कि फिल्म में उनकी बेटी का रोल प्ले कर सके। इसके कुछ दिन बाद शबाना आंटी (शबाना आजमी) मेरे स्कूल आईं और मुझसे कहा कि देव साहब के साथ एक फिल्म का ऑफर है जिसमें तुम्हें काम करना चाहिए। मैं उस समय फिल्मों के बारे में बिल्कुल भी नहीं जानती थी।” (Photo Source: @tabutiful/instagram)
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एक्ट्रेस ने आगे कहा, ” जब शबाना आंटी ने मुझसे ये बात कही तो मैं काफी नर्वस हो गई। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, लेकिन मैं इसके लिए शबाना आंटी के कहने पर तैयार हो गई। इसके बाद फिल्म के लिए मेरा स्क्रीन टेस्ट लिया गया और इस तरह मुझे हम नौजवान (1985) में देव साहब की बेटी का रोल मिला।” (Photo Source: @tabutiful/instagram)
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तब्बू का असली नाम तबस्सुम फातिमा हाशमी है, लेकिन देव आनंद ने उन्हें स्क्रीन नेम ‘तब्बू’ दिया। देव साहब चाहते थे कि उनका स्क्रीन नेम हटकर हो और उन्हें घर में बुलाया जाने वाला नाम ‘तब्बू’ बहुत पसंद आया। तबस्सुम फातिमा हाशमी को ‘तब्बू’ के नाम से नया जीवन मिल गया और आज यह नाम बॉलीवुड में एक ब्रांड बन चुका है। (Photo Source: @tabutiful/instagram)
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तब्बू ने बतौर हीरोइन 1991 में तेलुगु फिल्म ‘कुली नंबर 1’ से डेब्यू किया। हालांकि, हिंदी सिनेमा में उनकी एंट्री 1994 में फिल्म ‘पहला पहला प्यार’ से हुई। इसी साल अजय देवगन के साथ उनकी फिल्म ‘विजयपथ’ रिलीज हुई, जिसमें उनके अभिनय को काफी सराहा गया और उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू का अवॉर्ड मिला। (Photo Source: @tabutiful/instagram)
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इसके बाद उन्होंने ‘हकीकत’, ‘साजन की बाहों में’, ‘माचिस’, ‘विरासत’, ‘अस्तित्व’, ‘चांदनी बार’, ‘बॉर्डर’, ‘चाची 420’, ‘हम साथ साथ हैं’, ‘अंधाधुन’ और ‘दृश्यम’ जैसी शानदार फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया और दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई। (Photo Source: @tabutiful/instagram)
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