-
बॉलीवुड के सितारों के शानो-शौकत के किस्से तो आपने कई सुने होंगे। लेकिन कई बार ये चमक दमक हमेशा नहीं रहती। बॉलीवुड में कुछ सितारें ऐसे भी है जो एक समय में सात दिन के लिए सात अलग अलग कारें रखते थे लेकिन जीवन के अंतिम दिन बेहद गरीबी, तन्हाई, बिमारी में गुजरे। आगे की स्लाइड्स में देखिए ऐसे ही कुछ सितारों की लिस्ट जिन्होंने मुफलिसी में काटे जीवन के अंतिम दिन…
-
1940 के दशक के सुपरस्टार भगवान दादा को बॉलीवुड का पहला डांसिंग हीरो माना जाता है। अपने अच्छे दिनों में भगवान दादा के पास एक 25 कमरों का बंगला हफ्ते के हर दिन के लिए सात कारें होती थी। लेकिन एक एक करके सब बिक गया और 2002 में 88 साल की उम्र में वो तन्हाई, गरीबी और बिमारी में चल बसे।
-
गुजरे जमाने के बड़े स्टार भारत भूषण ने 50 और 60 के दशक में एक से एक बड़ी हिट फिल्में दी। लेकिन अपने जीवन के अंतिम सालों में उन्हें फिल्म स्टूडियो में चौकीदार की नौकरी भी करनी पड़ी थी। 1992 में लकवे के कारण दुनिया को अलविदा कहने वाले भारत भूषण के अंतिम साल बेहद गरीबी, तन्हाई और छोटे मोटे काम करते हुए बीते।
-
फिल्मों में मां और दादी के रोल करने वाली अचला सचदेव अपने जीवन के अंतिम दिनों में बेहद तन्हा रहीं। उनके बेटे ज्योतिन अमेरिका में रहते हैं जो कभी कभार ही आते थे। अंतिम दिनों में हॉस्पिटल में भर्ती अचला सचदेव के पास कोई तिमारदारी के लिए भी नहीं था।
1967 के सुपरहिट फिल्म हमराज में बतौर हीरोइन नजर आने वाली एक्ट्रेस विनी के अंतिम दिन बेहद बुरे गुजरे। बेहद कम उम्र में उन्होंने साल 1977 में दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने जीवन के अंतिम दिन मुंबई के एक हॉस्पिटल की जनरल वार्ड में काटे। ऐसा कहा जाता है उनके शव तक को चाय के ठेले पर ले जाया गया था। -
करीब 225 फिल्मों में चरित्र रोल करने वाले ए के हंगल को अपने जीवन के अंतिम दिनों में हॉस्पिटल बिल चुकाने के लिए भी मदद मांगनी पड़ी। 97 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले हंगल ने बेहद गरीबी में अंतिम दिन देखे।
-
बॉलीवुड की शुरुआती सुपरस्टार सुलोचना को साल 1973 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साल 1983 में सुलोचना के उनके फ्लैट में मरा हुआ पाया गया। अपने जीवन के अंतिम दिन उन्होंने तन्हाई और बेहद गरीबी में बिताए।
