विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक के अब दो-तीन हफ्ते तक देश में लौटकर आने के आसार नहीं है। उसके सऊदी अरब से सोमवार को यहां लौटकर आने की उम्मीद थी। लेकिन अब वह कुछ अफ्रीकी देशों में सार्वजनिक व्याख्यान देने की योजना बना रहा है। नाईक के एक सहायक ने बताया कि नाईक ने यहां स्काइप के जरिए मंगलवार को होने वाला अपना संवाददाता सम्मेलन भी रद्द कर दिया है जो वह अपने भाषणों के जरिए आतंकवादियों को प्रेरित करने के आरोपों को लेकर संबोधित करने वाला था।
डॉ जाकिर को मंगलवार को होने वाली मीडिया ब्रीफिंग में खुद उपस्थित नहीं होना था। नाईक ने निर्णय किया था कि वह स्काइप के जरिए मीडिया को संबोधित करेगा और मीडिया कर्मियों के जो भी सवाल होंगे, सभी का जवाब देगा। सहायक ने कहा, नाईक का यात्रा कार्यक्रम काफी पहले बन चुका था। उमराह में व्याख्यान देने के बाद उसका जेद्दा जाने का कार्यक्रम है जहां से वह अपने सार्वजनिक व्याख्यान देने के लिए अफ्रीका जाएगा। उसके कम से कम अगले दो-तीन हफ्ते तक देश में आने की संभावना नहीं है। बहरहाल, उसने यह भी कहा कि नाईक
किसी जांच से भाग नहीं रहा है और वह पहले से ही बनाए गए अपने यात्रा कार्यक्रम का पालन कर रहा है। भारत में निगरानी में आने के अलावा नाईक के पीस टीवी पर बांग्लादेश ने प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीच शिवसेना ने नाईक के भारत में प्रवेश करते ही उसकी गिरफ्तारी और उसके टीवी नेटवर्क को खत्म करने की मांग की है।
इस बीच समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबु आजमी ने नाईक के समर्थन में सामने आते हुए जानना चाहा कि अगर उसके भाषण आतंकवादियों को प्रेरित कर रहे थे तो पिछले 25 सालों में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। आजमी ने उसके खिलाफ आरोपों की निष्पक्ष जांच करवाने को कहा। आजमी ने कहा, जाकिर को उपदेशक बने अब करीब 25 साल हो चुके हैं। अगर वह आतंकवादियों को प्रेरित कर रहा है तो उस पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच करा कर यह साबित किया जाना चाहिए कि वह कभी इस तरह की बात नहीं कर सकता।
उसके खिलाफ मीडिया में मुकदमा चलाया जाना बंद किया जाना चाहिए। उधर बांग्लादेश ने भारतीय इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के ‘पीस टीवी’ के लिए डाउनलिंक की अनुमति रद्द कर दी है। इससे एक दिन पहले बांग्लादेश ने पीस टीवी चैनल पर प्रतिबंध लगा दिया। बांग्लादेश ने ये कदम उन रपटों के आने के बाद उठाए जिनमें कहा गया है कि यहां कैफे पर जबरदस्त आतंकी हमला करने वाले आतंकवादियों में से कुछ आतंकी नाईक के ‘भड़काऊ’ भाषणों से प्रेरित थे।
सूचना मंत्रालय ने पीस टीवी की डाउनलिंक की अनुमति निरस्त करने का आदेश जारी किया। डाउनलिंक की अनुमति देश में प्रसारण के लिए जरूरी है। मंत्रालय ने अपने निर्देश में कहा, मंत्रिमंडलीय समिति के निर्णय के मुताबिक, डाउनलिंक की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए फ्री-टू-एयर टीवी चैनल पीस टीवी की डाउनलिंक अनुमति निरस्त कर दी गई है। बांग्लादेश दूरसंचार आयोग (बीटीआरसी) के एक प्रवक्ता ने कहा, सूचना मंत्रालय के निर्णय के मुताबिक, इसकी (पीस टीवी) डाउनलिंक अनुमति निरस्त कर दी गई है।