Lok Sabha Congress MP Suspension: कांग्रेस के सात सांसदों को आज यानी 5 मार्च, 2020 को लोकसभा से न‍िलंब‍ित कर द‍िया गया। गलत बर्ताव के चलते अब यह सांसद 3 अप्रैल (बाकी बजट सत्र) तक सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। यह प्रस्‍ताव ध्‍वन‍िमत से पास हुआ। यह सामान्‍य न‍ियम है क‍ि लोकसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाना लोकसभा अध्‍यक्ष की ज‍िम्‍मेदारी है। कार्यवाही सुचारू रूप से चले, इसके ल‍िए क‍िसी सदस्‍य को दि‍न भर की कार्यवाही से दूर रखने या न‍िलंब‍ित करने का अध‍िकार लोकसभा अध्‍यक्ष के पास होता है। वह न‍ियम संख्‍या 373 के तहत इस अध‍िकार का प्रयोग करते हैं।

न‍ियम संख्‍या 373 कहता है क‍ि अगर लोकसभा अध्‍यक्ष को लगता है क‍ि क‍िसी सदस्‍य का सदन में बर्ताव सदन को चलाने में पूरी तरह बाधक बन रहा है तो वह उस सदस्‍य को तुरंत सदन से बाहर करा सकते हैं और पूरे द‍िन कार्यवाही में शाम‍िल नहीं होने देने सकते हैं। अगर सदस्‍य फ‍िर भी नहीं संभलें या मामला अत‍ि गंभीर हो तो लोकसभा अध्‍यक्ष रूल 374 और 374ए के तहत कदम उठा सकते हैं।

रूल 374 कहता है-
1. लोकसभा अध्‍यक्ष उस सदस्‍य (एक या अध‍िक) के नाम का ऐलान कर सकते हैं, ज‍िसने आसन की मर्यादा तोड़ी हो या न‍ियमों का उल्‍लंघन क‍िया हो और जानबूझ कर अपने बर्ताव से सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचाई हो।

2. जब लोकसभा अध्‍यक्ष ऐसे सांसद/सांसदों का नाम लेते हैं, तो वह एक प्रस्‍ताव सदन के पटल पर रखते हैं। इस प्रस्‍ताव में संबंध‍ित सांसद का नाम लेते हुए उसके न‍िलंबन की बात कही जाती है। न‍िलंबन की अवध‍ि भी बताई जाती है। यह अव‍ध‍ि अध‍िकतम सत्र की समाप्‍त‍ि तक की हो सकती है। सदन क‍िसी भी समय इस प्रस्‍ताव को रद्द करने का आग्रह भी कर सकता है।

इस न‍ियम के तहत न‍िलंब‍ित सदस्‍य को न‍िलंबन की अवध‍ि में सदन की कार्यवाही में क‍िसी तरह शाम‍िल होने का अध‍िकार नहीं रहता।

रूल 374ए कहता है-
1. सदन में न‍ियमों का घोर उल्‍लंघन करने वाले, वेल में आने वाले, लगातार जान-बूझ कर कार्यवाही बाध‍ित करने वाले सांसद या सांसदों का अगर अध्‍यक्ष ने नाम ले ल‍िया तो वे पांच द‍िनों के ल‍िए या सत्र की समाप्‍त‍ि तक (जो भी पहले हो) स्‍वत: न‍िलंबि‍त हो जाते हैं। हालांक‍ि, सदन चाहे तो क‍िसी भी वक्‍त इस न‍िलंबन को खत्‍म करने का प्रस्‍ताव पार‍ित करा सकता है। यह अध‍िकार अध्‍यक्ष के पास नहीं है।