आर्मी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ब्लैक मनी के खिलाफ 500 और हजार के नोट बैन जैसी सर्जिकल स्ट्राइक कर एख बार फिर मोदी सरकार चर्चा का विषय बनी हुई है। आरबीआई द्वारा जारी हुए 2000 के नोट जहां एक ओर कुछ लोगों को पहले के नोटों से ज्यादा आकर्षक लग रहे हैं तो वहीं कुछ इस पर सवालिया निशान उठा रहे हैं। जी हां, दरअसल, सोशल साइट पर नए 2000 रुपए प्रिटिंग में एक बड़ी मिस्टेक बताई जा रही है। ट्विटर यूजर्स इस पर सवाल कर रहे हैं नोट में 2000 रुपए को हिंदी में दो हजार की बजाए दोन हजार लिखा आ रहा है। यह गलती नोट के मंगलयान वाले पिछले हिस्से में वहां पर हुई है जहां गांधी जी की चश्मा है वहां पर 15 भाषाओं में मुद्रा का मूल्य लिखा है इसमें दोन हजार रुपए छपा है। अब इसे लेकर कई यूजर्स काफी कनफ्यूज हैं, लिहाजा उन्होंने सोशल साइट पर ही नोट की फोटो शेयर कर सवालिया निशान उठाना शुरू कर दिया है।
https://twitter.com/vaidehisachin/status/796986051931705344
लेकिन हम आपको बता दें कि नोट में लिखा दोन हजार गलत प्रिंट नहीं एक दम सही है क्योंकि मराठी भाषा में दो हजार रुपए को दोन हजार रुपए ही लिखा और बोला जाता है और इस भाषा की लिपि भी देवनागरी है। लेकिन इससे दो स्थान पहले जहां कोंकणी भाषा में दोन हजार रुपया लिखा जाना था वहां दोनि की जगह दोन ही छप गया है। ऐसे में कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि अब क्या होगा। दो-तीन दिनों तक मुश्किलें झेलने के बाद 2000 के जो नोट लोगों को मिले हैं, क्या वे नहीं चलेंगे, या उन्हें वापस लिया जाएगा? हालांकि नोट पर सवाल उठाने वाले एक यूजर तुसार ने इसके लिए माफी भी मांगी और कहा दोन शब्द सही है।
I have been told that there is no mistake what I assumed to be Hindi is Konkani and so Don is correct. Sorry for the error. https://t.co/k89yeIUIke
— Tushar GANDHI (@TusharG) November 11, 2016
Mistake in the new ₹2K note. It says Don Hazar Rupiya in Hindi. I am told there is a mistake in the Urdu text also. pic.twitter.com/Rq7hB05Nzi
— Tushar GANDHI (@TusharG) November 11, 2016
गौरतलब है कि वैसे नोट या सिक्कों में ऐसी गलती होने पर उन्हें अमान्य घोषित करने और वापस लेने का चलन रहा है। इसी साल जनवरी में आरबीआई ने 30 हजार करोड़ रुपए की कीमत के गलत नोट छापने की बादत कबूल की थी। यह गड़बड़ी हजार रुपए के नोटों में हुई थी जो सिल्वर सिक्योरिटी थ्रेड के बगैर छाप दिए गए थे। 30 करोड़ में से 20 करोड़ तो रिजर्व बैंक के पास ही थे, लेकिन 10 करोड़ नोट बाजार में जारी किए जा चुके थे। इस गलती की खबर मिलते ही आरबीआई और वित्त मंत्रालय ने फैसला किया था कि इन नोटों को जला दिया जाए और बाकी नोटों को वापस लेने के निर्देश जारी किए गए थे।
बताया जा रहा है कि 500 और 1000 के नोट बदलने और उनकी जगह 2000 के नोट आने की इस पूरी प्रक्रिया में करोड़ों का खर्च आया है जिसका बोझ आखिरकार जनता की जेब पर ही पड़ना है। अब ऐसे में 2000 रु का नया नोट रद्द करने दोबारा छपवाना पड़ा तो यह बोझ और बढ़ना ही है।