ओलंपिक खेलों से पहले आत्मविश्वास जुटाने की कवायद में भारतीय हाकी टीम शुक्रवार से यहां शुरू हो रही चैंपियंस ट्राफी में पोडियम पर जगह बनाने के इरादे से उतरेगी जिसमें उसका सामना शुरुआती मैच में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जर्मनी से होगा। भारत ने अब तक चैंपियंस ट्राफी में सिर्फ एक बार 1982 में एम्सटर्डम में कांस्य पदक जीता है। इसके बाद सात मौकों पर भारत कांस्य पदक का मुकाबला हार गया। पिछली दो चैंपियंस ट्राफी 2012 (मेलबर्न) और 2014 (भुवनेश्वर) में भारत चौथे स्थान पर रहा।
कोच रोलेंट ओल्टमेंस ने कहा कि चैंपियंस ट्राफी में हमारा लक्ष्य पोडियम पर रहने का है। यहां पदक जीतने से ओलंपिक से पहले आत्मविश्वास बढ़ेगा। रियो डि जनेरियो हमारा फोकस है और यहां अच्छे नतीजे मिलने से टीम का मनोबल बढ़ेगा। यहां अच्छे प्रदर्शन से भारत 2012 लंदन ओलंपिक में आखिरी स्थान पर रहने की कड़वी यादों को भुला सकेगा । इससे पहले भारत ने लंदन में 1948 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था।
ओल्टमेंस ने कहा कि हमें चुनौती पसंद है लेकिन मैच हालात में हमें अपनी रणनीति पर अमल करना होगा। कोच ने ओलंपिक से पहले सभी खिलाड़ियों को मौका देने की कवायद में रोटेशन प्रणाली अपनाई है। सुल्तान अजलान शाह कप में भी युवाओं को उतारा गया था जिसमें भारत ने रजत पदक जीता।
गोलकीपर पीआर श्रीजेश चैंपियंस ट्राफी में टीम की कमान संभालेंगे। अजलान शाह कप से बाहर रहे पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ वीआर रघुनाथ ने टीम में वापसी की है जबकि सरदार सिंह और रूपिंदर पाल सिंह को आराम दिया गया है। अजलान शाह कप में अच्छा प्रदर्शन करके युवा पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ हरमनप्रीत सिंह ने टीम में जगह बरकरार रखी है। गोलकीपर विकास दहिया और प्रदीप मोर बड़े टूर्नामेंट में पहली बार खेलेंगे। ओल्टमेंस ने कहा कि हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। कुछ दूसरी टीमों ने भी युवाओं को उतारा है लेकिन अच्छे प्रदर्शन से ही हम अपने से बेहतर टीमों को हरा सकेंगे। दुनिया की नंबर एक टीम आस्ट्रेलिया, तीसरी रैंकिंग वाला जर्मनी, चौथी रैंकिंग वाला ब्रिटेन और पांचवीं रैंकिंग वाला बेल्जियम सभी भारत से ऊपर हैं जबकि भारत एफआइएच रैंकिंग में सातवें स्थान पर है। आस्ट्रेलिया ने चैंपियंस ट्राफी में 13 स्वर्ण पदक जीते हैं जबकि नीदरलैंड ने आठ पीले तमगे अपने नाम किए हैं।
नीदरलैंड ने ओलंपिक की तैयारी के लिए इस बार टीम नहीं उतारी है। छह महीने पहले रायपुर में विश्व हाकी लीग फाइनल में कांस्य पदक जीतने से भारत के हौसले बढ़े हैं। पिछले तीन दशक में पहली बार भारत ने किसी वैश्विक टूर्नामेंट में पदक जीता था। चैंपियंस ट्राफी में अच्छे प्रदर्शन के भारत के पास बस दो और मौके हैं। एफआइएच 2018 के बाद इस टूर्नामेंट को खत्म करके नई वैश्विक लीग शुरू करेगा। इस बार चैंपियंस ट्राफी में छह टीमें राउंड राबिन आधार पर खेलेगी और दो शीर्ष दो टीमें फाइनल खेलेंगी। तीसरे और चौथे स्थान की टीमें कांस्य पदक का प्लेआफ खेलेंगी। भारत का राउंड राबिन लीग कार्यक्रम इस प्रकार है : भारत बनाम जर्मनी (10 जून), भारत बनाम ब्रिटेन (11 जून), भारत बनाम बेल्जियम (13 जून), भारत बनाम दक्षिण कोरिया (14 जून), भारत बनाम आस्ट्रेलिया (16 जून)