यमुना से निकलने वाली हांसी-बुटाना लिंक नहर में गांव निमनाबाद और आंटा से पानी में तैरते दो पत्थर मिले हैं। तैरते पत्थरों के मिलने की जानकारी जैसे ही वहां लोगों को मिली लोग उमड़ पड़े. लोग पत्थरों को रामायण काल से जोड़कर पूजा कर रहे हैं।

गांव निमनाबाद के एक सिख डेरे के लोग जब नहर में अपने पशुओ को नहला रहे थे, तो उन्हें पानी में कोई तैरते हुए पत्थर मिले. वहीं गांव आंटा में नहर से लोगों को ऐसा ही तैरता पत्थर मिला है।

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के भूगर्भ वैज्ञानिक डॉ. अक्षय राजन चौधरी का कहना कि पहाड़ो में जिन स्थानों पर लावा निकलता है, वहां सॉफ्ट पत्थर मिलते हैं, जो पानी में तैरते हैं. लेकिन यमुना नदी जिन स्थानों से निकलती है, वहां लावा जैसी कोई बात नहीं है।