बिहार के दरभंगा जिला में लेवी (अवैध राशि) वसूली को लेकर दो अभियंताओं की हत्या मामले में फरार अपराधी मुकेश पाठक को सोमवार को विशेष कार्यबल की एक टीम ने झारखंड के रामगढ़ से गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि दरभंगा में लेवी वसूली को लेकर दरभंगा-कुशेश्वर स्थान उच्च पथ पर शिवम चौक के समीप पिछले साल 26 दिसंबर को सड़क निर्माण में लगी निजी कंपनियों के दो अभियंताओं की हत्या कर दी गई थी। अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) सुनील कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि एक लाख रुपए के इनामी मुकेश पाठक को विशेष कार्यबल की एक विशेष टीम ने झारखंड के रामगढ़ से गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और गोपालगंज जिलों में हत्या, रंगदारी व महिला के साथ अपराध सहित कुल 16 आपराधिक मामलों में वांछित मुकेश, 22 जुलाई, 2015 को न्यायिक हिरासत से फरार हो गया था। कुमार ने कहा कि मुकेश को कड़ी सुरक्षा में झारखंड से बिहार लाने के लिए अतिरिक्त बल को वहां के लिए रवाना कर दिया गया है।
उन्होंने मुकेश की गिरफ्तारी में हुए विलंब के बारे में बताया कि उसकी तलाश के लिए अलग-अलग पुलिस दलों को ओड़ीशा, गुजरात और विशाखापत्तनम भेजा गया था। लेकिन उसके द्वारा बार-बार हुलिया और नाम बदलने के कारण गिरफ्तारी में परेशानी हो रही थी। अंतत: उसे झारखंड के रामगढ़ से सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। सुनील कुमार ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन बिहार पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के सदस्य मुकेश को बिहार लाए जाने के बाद उससे पूछताछ की जाएगी और फिर उसे अदालत में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस मुकेश से और पूछताछ करने के लिए अदालत से उसे पुलिस हिरासत में देने की मांग करेगी। साथ ही उससे जुडेÞ मामलों में शीघ्र आरोपपत्र दायर कर त्वरित सुनवाई कराने का आग्रह अदालत से करेगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य उच्च पथ 88 पर समस्तीपुर जिला के वरनापुल से दरभंगा के कुशेश्वर स्थान के रसियारी गांव के बीच सड़क निर्माण कार्य में लगी निजी कंपनियों बीएनसी और सीएनसी से लेवी मांगी गई थी। इसे लेकर ही पिछले साल 26 दिसंबर को दो मोटरसाइकिल सवार अज्ञात अपराधियों ने दो अभियंताओं रोहतास जिला के डेहरी थाना क्षेत्र निवासी ब्रजेश कुमार और बेगूसराय जिला निवासी मुकेश कुमार की हत्या कर दी थी।
घटनास्थल से पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन बिहार पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी का एक पर्चा बरामद किया था जिसपर धमकी भरी बातें लिखे होने के साथ संगठन के सरगना संतोष झा जिंदाबाद लिखा था।
सुनील ने बताया कि संतोष झा सहित इस गिरोह के कई अन्य सदस्य गिरफ्तार किए जा चुके हैं पर इसका गिरफ्तार होना अत्यंत आवश्यक था क्योंकि यह अभी भी कई जगहों पर फोन (धमकी भरा) कर भय का माहौल उत्पन्न कर रखा था।
