एक तरफ दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) अपने नुकसान का रोना रोता है दूसरी तरफ वह न तो पास पर किराया बढ़ाता है और न ही दिल्ली से बाहर नोएडा, गुड़गांव जैसे एनसीआर में डीटीसी पास धारक यात्रियों से बढ़ा किराया ही वूसलता है। ये बात और भी महत्तवपूर्ण हो जाती है जब डीटीसी की ओर से जारी होने वाले सभी तरह के पास केवल दिल्ली सीमा तक के लिए ही लागू होते हैं। बावजूद इसके दिल्ली के ही पास पर एनसीआर भर के हजारों धड़ल्ले से यात्रा कर रहे हैं। डीटीसी की ओर से बढ़ाया गया किराया सिर्फ दैनिक टिकट यात्रियों से ही वसूला जाता है। हर बार बढ़ने वाले किराए को पास पर लागू नहीं किया जाता। लिहाजा डीटीसी को भारी नुकसान हो चुका है। बावजूद इस पर उदासीनता जारी है।
डीटीसी बोर्ड ने एनसीआर में यात्रा करने वालों को सुविधा देने के लिए 2005 से एनसीआर पास जारी करने की पहल की थी। डीटीसी वर्कर्स यूनियन के उप महासचिव ज्ञान चंद का कहना है कि डीटीसी ने 2009 के बाद कई बार दिल्ली से लगे एनसीआर क्षेत्र का किराया बढ़ाया है। लेकिन नोएडा में एनसीआर पास शुरू ही नहीं किया जो डीटीसी के 2005 के आदेश का उल्लंघन है और न ही इस रूट पर पास से चलने वाले यात्रियों से वसूला गया। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और सीवीसी से कई बार की जा चुकी है लेकिन 40 रुपए और 50 रुपए के दैनिक और एक हजार रुपए के मासिक पास से दिल्ली की सीमा के बाहर यात्रा पर रोक नहीं लग सका। उनका कहना है कि सर्तकता विभाग को इस मामले में जांच करनी चाहिए। इस लेकर सीवीसी और दिल्ली सरकार सहित निगम को 2009 से लगातर लिखता आ रहा हूं। उन्होंने बताया कि निगम ने हरियाणा क्षेत्र में केवल एक बार 2013 में बढ़े किराया को पास से चलने वाले यात्रियों पर लागू किया गया जिसमें भी त्रुटियां हंै। इस इलाके में किराया 2011, 2012 और 2013 में बढ़ा लेकिन निगम ने 2013 में वो भी कई महीनों के बाद में बढ़ा किराया हरियाणा, गुड़गांव, बहादुरगढ़ और फरीदाबाद के पासों पर लागू किया था।
टिकट वालों से वसूल रहे बढ़ा किराया और पास वालों की मौज
एक तरफ दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) अपने नुकसान का रोना रोता है दूसरी तरफ वह न तो पास पर किराया बढ़ाता है और न ही दिल्ली से बाहर नोएडा, गुड़गांव जैसे एनसीआर में डीटीसी पास धारक यात्रियों से बढ़ा किराया ही वूसलता है।
Written by नीतीश सिंह
नई दिल्ली

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First published on: 08-07-2016 at 03:39 IST