दिल्ली के सामाजिक विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने मंगलवार को कहा कि वक्त आ गया है कि रिजर्व कैटिगरी में आने वाले लोग आरक्षण की जरूरत न होने पर इसे लेने से इनकार कर दें। गौतम के मुताबिक, आरक्षण को इन लोगों के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके जरिए उनकी योग्यता और क्षमता पर सवाल उठाए जाते हैं। गौतम दिल्ली यूनिवर्सिटी के आर्ट्स फैकल्टी कैंपस में आयोजित एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले, कथित तौर पर जातिगत भेदभाव से परेशान होकर आत्महत्या करने वालीं मुंबई की रेजिडेंट उॉक्टर पायल तड़वी के लिए एक कैंडल लाइट मार्च भी निकाली गई थी।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में संबोधित करते हुए गौतम ने कहा, ‘यह बेहद दुख का मामला है कि हर दूसरे या तीसरे महीने कोई न कोई मुद्दा सामने आता है और हम इसके खिलाफ लड़ने और विरोध करने के लिए खड़े होते हैं। हमारे पूरे समुदाय का ध्यान विकास पर होना चाहिए लेकिन ये मुद्दे हमें हमारे मकसद से भटका देते हैं। ऐसा होने पर हम विकास के बारे में भूल जाते हैं और न्याय के लिए लड़ने को मजबूर हो जाते हैं। चाहे फिर रोहित वेमुला का मामला हो या डॉक्टर तड़वी का सुसाइड करने का मामला। हमें यह समझने की जरूरत है कि इसके पीछे क्या साजिश है।’
गौतम ने आगे कहा, ‘मुझे महसूस होता है कि हमारे लिए अब वो समय आ गया है कि हम कुछ कहें। हमें यह भी कहने की जरूरत है कि हमें रिजर्वेशन की जरूरत नहीं है। जब रिजर्वेशन की बात आती है तो वे हमारे ऊपर छींटाकशी करते हैं, हमारी योग्यता और क्षमता पर सवाल उठाते हैं।’ गौतम के ऐसा कहने के बाद भीड़ में से कुछ लोगों ने शोर करके विरोध दर्ज कराया। उनके भाषण के बाद कुछ स्टूडेंट्स ने नारे लगाए- रिजर्वेशन पर हमला नहीं सहेंगे। हालांकि, द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में गौतम ने कहा कि वह रिजर्वेशन के खिलाफ नहीं हैं। हालांकि, उन्हें ऐसा लगता है कि अब इससे फोकस हटना चाहिए।