चीन ने दलाई लामा की अगवानी के लिए यूरोपीय संसद के नेताओं की सोमवार (19 सितंबर) को आलोचना करते हुए आगाह किया कि उनकी बैठक से तिब्बत में चीन के ‘मूल हितों’ को नुकसान पहुंचा है। ऐसी खबर है कि यूरोपीय संसद के अध्यक्ष मार्टिन शुल्ज और विदेश मामलों की संसदीय समिति के प्रमुख एल्मार ब्रोक चीन के कड़े विरोध के बावजूद गत 15 सितंबर को दलाई लामा से मिले थे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, ‘उन्होंने तिब्बत को लेकर चीन से किया गया यूरोपीय संघ का वादा तोड़ा है।’ उन्होंने चीन सरकार के अलगाववाद के पूरी तरह खिलाफ होने पर जोर देते हुए कहा, ‘तिब्बत के मुद्दे चीन के मूल हित हैं।’ दलाई लामा 1959 की नाकाम क्रांति के बाद चीन से पलायन कर भारत आ गए थे और तब से भारत ही उनका घर है।

लू ने कहा कि चीन दलाई लामा के अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए किसी भी नाम या क्षमता में किसी भी देश या संगठन के दौरे का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि चीन दलाई लामा और किसी भी देश या संगठन के अधिकारियों के बीच किसी भी तरह के संपर्क का भी विरोध करता है। लू ने कहा कि चीन-यूरोपीय संघ के संबंध एक नये स्तर पर हैं और संसदों के बीच ठोस संबंध हैं लेकिन यूरोपीय संसद के नेताओं और दलाई लामा के बीच बैठक से चीन के मूल हित और अंतर संसदीय संवाद की राजनीतिक नींव को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि चीन यूरोपीय संघ से बैठक के नकारात्मक प्रभावों को खत्म करने के लिए उपाय करने की मांग करता है।