रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने शुक्रवार को बताया कि चीन ने भारतीय क्षेत्र में किसी सड़क का निर्माण नहीं किया है। लोकसभा में प्रश्नकाल में सदस्यों के सवालों के जवाब में रक्षामंत्री ने बताया कि पिछले दो सालों में उनके ध्यान में ऐसी कोई बात नहीं आई है। इससे यह पता चले कि चीन ने हमारे क्षेत्र में किसी सड़क का निर्माण किया है।
उन्होंने इसके साथ ही कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई के भारत-चीन सीमा के आसपास बसे गांवों में बेहतर डिजिटल ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इस क्षेत्र में आॅप्टिकल फाइबर बिछाने के सुझाव को स्वागतयोग्य बताया। रक्षामंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन भी दिया। भारत-चीन सीमा पर सड़कों के निर्माण के संबंध में किए गए मूल सवाल के जवाब में रक्षामंत्री ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) इस जिम्मेदारी को निभाता रहा है।
पिछले साल तक यह सड़क और परिवहन मंत्रालय के तहत कार्यरत था। उन्होंने बताया कि पिछले साल ही इस विभाग को रक्षा मंत्रालय के अधीन लाया गया है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में सड़कों के निर्माण में बजट की कोई बाधा नहीं है।
यदि जरूरत पड़ी तो मंत्रालय अनुपूरक बजट ला सकता है। 2015-2020 की दीर्घावधि कार्ययोजना के तहत देश के सीमावर्ती इलाकों में 22,225.17 किलोमीटर लंबे 519 नए मार्गों का निर्माण किया जाना है।