Budget 2021 Highlights: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, अब पुरानी कारों को स्क्रैप किया जाएगा। इसके लिए ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाए जाएंगे। निजी गाड़ी को 20 साल बाद इन सेंटर में जाना होगा। इससे सरकार को प्रदूषण को नियंत्रित करने में सफलता मिलेगी।
ध्यान रहे कि व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी का बहुत दिनों से इंतजार था। परिवहन मंत्रालय ने 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को अप्रैल 2022 से स्क्रैप में भेजने की पॉलिसी को मंज़ूरी पहले ही दे दी थी। माना जा रहा था कि यह अब सबके लिए लागू कर दी जाएगी। सरकार ने 2030 तक ई-मोबिलिटी का लक्ष्य निर्धारित किया है। तेल तेजी से खत्म हो रहा है। इसके साथ ही तेल खरीद पर सरकार को भारीभरकम रकम भी खर्सच करनी होती है। सरकार का मकसद देश के कच्चे तेल के आयात बिल को कम करना है।
स्क्रैप पॉलिसी में 2005 से पहले निर्मित वाहनों के लिए पंजीकरण और ‘फिटनेस’ नियमों को कड़ा करना है। एक अनुमान के अनुसार देश में 2005 से पहले निर्मित दो करोड़ वाहन देश की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इस कदम का मकसद ऐसे वाहनों को ‘हतोत्साहित’ करना है। इस पॉलिसी के बाद पुराने वाहन सड़कों से दिखने बंद होंगे।
ऐसे वाहनों से प्रदूषण उत्सर्जन 10 से 25 गुना अधिक होता है। यदि पुराने प्रदूषण नियमों की तुलना नए उत्सर्जन नियमनों से की जाए, तो 2005 से पहले के वाहन नए नियमों के तहत 10 से 25 गुना तक अधिक उत्सर्जन कर रहे हैं। यदि ऐसे वाहनों का रखरखाव काफी सावधानी से भी किया जाए, तो भी उनसे होने वाला उत्सर्जन काफी अधिक रहेगा।
सरकार के इस कदम से अब पुराने वाहन सड़क पर दिखने बंद हो जाएंगे। इससे बड़ी संख्या में वाहन ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर की ओर रुख करेंगे। परिवहन मंत्रालय फिटनेस की व्यवस्था को आटोमेटेड करने की योजना बना रहा है, जिसमें कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
मंत्रालय का कहना है कि वह अलग से एक vehical स्क्रैपिंग पॉलिसी 36 की घोषणा कर रहे हैं। इसके जरिए पुराने और अनफिट वाहनों को धीरे-धीरे सड़क से हटाया जाएगा। इससे प्रदूषण तो घटेगा ही तेल की खपत भी कम होगी। निजी वाहनों को 20 साल बाद और कमर्शियल को 15 साल बाद फिटनेस सेंटर ले जाना अनिवार्य होगा।