महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी (अजित पवार) के नेता बाबा सिद्दीकी की मौत एक अहम मुद्दा माना जा रहा है। जिनकी पिछले दिनों सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब उनके बेटे जीशान सिद्दीकी बांद्रा ईस्ट से NCP (अजित पवार) के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। जीशान सिद्दीकी ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक एक इंटरव्यू के दौरान कई अहम सवालों के जवाब दिए हैं। इस इंटरव्यू में वह पिता की हत्या वाली रात, कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में जाने की वजह और अपनी चुनावी कैंपेन को लेकर बात कर रहे हैं। 

12 अक्टूबर की रात को क्या हुआ था? 

जीशान सिद्दीकी ने इस सवाल के जवाब में बताया कि  12 अक्टूबर के बाद से उनकी ज़िंदगी बदल गई है। उस रात वह अपने पिता बाबा सिद्दीकी के साथ अपने दफ़्तर में बैठे थे और अगले दिन के अपने कार्यक्रम पर चर्चा कर रहे थे।

वह बताते हैं,”वह (बाबा सिद्दीकी) कभी भी मेरे दफ़्तर नहीं आए थे, ऐसा बहुत कम बार हुआ था। मैंने वहीं उनसे बात की थी और कहा था कि मैं कुछ काम के लिए जाकर कुछ देर में लौट रहा हूं, मैंने पूछा था कि क्या उन्हें मुझसे कोई काम है। इसके जवाब उन्होंने कहा नहीं, वह घर के लिए निकलेंगे और रात के खाने पर मुझसे मुलाकात करेंगे।” 

“बाबा भाई पर गोली चल रही है” 

जीशान एक फोन कॉल का ज़िक्र करते हुए आगे बताते हैं, “मैं पास के एक रेस्टोरेंट में था और  रात का खाना ऑर्डर कर रहा था। जब मुझे एक करीबी सहयोगी का फ़ोन आया। वह फोन पर चिल्लाया, ‘बाबा भाई पर गोली चली है।’ यह सुनकर मैं अपने दफ़्तर की ओर भागा। मुझे याद नहीं कि मैं अस्पताल कैसे पहुंचा क्योंकि मेरी हालत बहुत खराब थी। मैंने सबसे पहले गार्ड से पूछा कि क्या हुआ था। उसे कुछ नहीं पता था। और फिर मैंने देखा कि वहां बहुत खून बह रहा था और डॉक्टर इलाज जारी रखने की कोशिश कर रहे थे। कुछ घंटों बाद डॉक्टर ने कहा कि वह अब नहीं रहे।

पहले कुछ दिनों तक मैं कुछ भी सोचने की स्थिति में नहीं था। मैं बस रो रहा था, मेरी हालत बहुत खराब थी। मेरे पिता को कभी किसी से कोई धमकी नहीं मिली। जो कुछ हुआ, उस पर मैं बहुत गुस्सा भी था। मेरे पिता के साथ ऐसा क्यों हुआ? फिर दूसरी चीजें भी हैं, जैसे पुलिस से बात करना, कमिश्नर से बात करना, इतने दिन हो गए, लेकिन हमें वो जवाब नहीं मिला जिसके हम हकदार हैं। पुलिस उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल पूछते रहे हैं कि उनकी सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई गई थी?

इंटरव्यू के दौरान जीशान सिद्दीकी से पूछे गए कुछ और सवाल और उनके जवाब यहां पढ़ें…..

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम सामने आया है? 

मुझे लगता है कि पिताजी के अस्पताल पहुंचने से पहले ही एक कहानी फैलाई जा रही थी और मुझे नहीं पता कि क्या सच है और क्या झूठ। लेकिन मुझे लगता है कि सभी पहलुओं पर विचार किया जाना चाहिए। और लोगों को गुमराह नहीं किया जाना चाहिए। अगर सभी पहलुओं पर विचार किया जाए, तो मुझे यकीन है कि न्याय होगा।

क्या सलमान के करीबी होने की वजह से ऐसा हुआ? 

नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता। मुझे लगता है कि इसके पीछे एक बड़ी तस्वीर है। और सलमान भाई हमेशा से ही परिवार रहे हैं और हमेशा परिवार ही रहेंगे। इस दुखद घटना के बाद भी, वह हमेशा मेरा हालचाल पूछते रहते हैं। और मैं इसके लिए उनका आभारी हूं। मुझे लगता है कि इसमें एक बड़ी तस्वीर है। और कुछ ऐसा है जिसका पता लगाया जाना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही न्याय होगा। वह (सलमान खान) एक बड़े दिल वाले व्यक्ति हैं। जो कुछ भी हो रहा है, वह मुझे और उन्हें और मजबूत बना रहा है… मुझे यकीन है कि दुनिया भर से उन्हें जो प्यार और आशीर्वाद मिल रहा है, वह मिलता रहेगा और वह और मजबूत होंगे।

क्या आपको लगता है कि इस चुनाव में ‘सहानुभूति’ आपको फायदा पहुंचाएगी? 

मेरे पिता ने हमेशा अपना जीवन शेर की तरह जिया है। और मेरी रगों में उनका खून बहता है। मुझे उनकी लड़ाई जारी रखनी है। उन्होंने गरीबों के लिए घरों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। और यही वह लड़ाई है जिसे मुझे आगे बढ़ाना है।”

अब आप अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का हिस्सा हैं, जो बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की सहयोगी है। क्या आपको लगता है कि आपके मूल मुस्लिम मतदाता आपका समर्थन करेंगे? 

हां, मुझे पूरा भरोसा है कि लोग मेरे निर्वाचन क्षेत्र में किए गए काम के लिए वोट देंगे। मैं वांद्रा (बांद्रा) पूर्व के लोगों के पास जाऊंगा। मैं अपने काम के नाम पर वोट मांगूंगा। उन्होंने देखा है कि मेरे परिवार ने लोगों के लिए क्या-क्या त्याग किए हैं। मैं निश्चित रूप से रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीतूंगा।

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आप शिवसेना (यूबीटी) के वरुण सरदेसाई के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। आपका उस पार्टी से पुराना नाता रहा है। क्या आपको विश्वासघात का अहसास हो रहा है? क्या आपको उनके समर्थन की उम्मीद थी?

मैं कुछ भी सोचने के लिए सही मानसिक स्थिति में नहीं था। लेकिन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेता मेरे घर आए और मुझसे कहा कि वे मेरे और मेरे पिता की विरासत के साथ हैं…उन्होंने कहा कि सम्मान के तौर पर वे मुझे निर्विरोध चुनाव लड़ने देंगे। वे प्रस्ताव लेकर आए, लेकिन फिर मुझे अंधेरे में रखा…एक दिन, शिवसेना-यूबीटी ने अपने उम्मीदवार का नाम जारी किया। मैं हैरान रह गया। एमवीए हमेशा से पाखंडी रहा है और उनके लिए इस तरह का व्यवहार करना कोई नई बात नहीं है। मुझे बस इस बात से दुख हुआ कि इस दुख की घड़ी में उन्होंने मेरी भावनाओं के साथ खेलने की कोशिश की। 

आपने कांग्रेस क्यों छोड़ी?

मैं हमेशा से इस बात से नाखुश था कि कांग्रेस ने मेरे साथ कैसा व्यवहार किया और शिवसेना (यूबीटी) ने मुझे फंड न देकर (एमवीए शासन के दौरान) मुझे कैसे प्रताड़ित किया। कांग्रेस चाहती थी कि मैं वर्सोवा या बायकुला से चुनाव लड़ूं, लेकिन मैंने कहा नहीं, मैंने अपना समय, अपना प्रयास, अपना प्यार, अपनी ऊर्जा बांद्रा ईस्ट के लोगों को दी है और मैं यहीं से चुनाव लड़ूंगा।