गृहमंत्रालय ने अपनी जांच में पाया है कि विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को विदेश से फंडिंग मिली है। जांच में सामने आया है कि नाइक के एनजीओ को 2012 तक चार सालों में करीब 15 करोड़ रुपए विदेशी फंडिंग मिली है। गृहमंत्रालय के सूत्रों ने बताया फंड यूके, सउदी अरब और मध्य-पूर्वी देशों से मिला है। ढाका हमले के बाद निशाने पर आने वाले नाइक के एनजीओ की फंडिंग की जांच का आदेश केंद्र सरकार ने दिया था।
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बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले में शामिल एक आतंकी ने बताया था कि वह नाइक के प्रवचनों से प्रभावित था। जिसके बाद भारत में भी नाइक पर नजर कड़ी की गई है। गृहमंत्रालय उन आरोपों की जांच का रहा है, जिसमें कहा गया था कि एनजीओ को मिले फंड का इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों और युवाओं को आतंक की तरफ ‘आकर्षित’ करने के लिए किया गया है। इस तरह की गतिविधियां एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन है, जिसके तहत एनजीओ रजिस्टर है। अगर ऐसा पाया जाता है तो एनजीओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘ हम लोग आईआरएफ के अकाउंट जांच रहे हैं। जांच में सामने आया है कि साल 2012 तक चार सालों में इसे 15 करोड़ रुपए विदेश से मिले हैं। हम लोग यह जांच रहे हैं कि यह फंड एफसीआरए के नियमों के मुताबिक इस्तेमाल किया गया या फिर उनका उल्लंघन हुआ है।’
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सरकारी सूत्रों का कहना है कि नाइक के खिलाफ किसी भी तरह के कानून कार्रवाई के लिए मजबूत कानूनी आधार होना चाहिए। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था ‘नाइक के भाषणों की सीडी जांची जा रही हैं। सरकार आतंक के मामले पर किसी तरह का कोई समझौता नहीं करती।’
नाइक ने सफाई देते हुए कहा था, ‘मैं इससे पूरी तरह से असहमत हूं कि मैंने बेगुनाह लोगों को मारने के लिए प्रभावित किया है। मैंने एक बार भी मुस्लिम और गैर-मुस्लिमों को मारने की बात नहीं कही।’
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