मोदी सरकार ने नए साल में पहला झटका देने का एलान कर दिया है। जिस परिवार की सालाना आमदनी दस लाख रुपए से ज्‍यादा है, उन्‍हें मोदी सरकार एलपीजी (खाना पकाने वाली गैस) पर सब्सिडी नहीं देगी। सरकार ने सोमवार को यह फैसला लिया। इस पर अगले महीने से अमल होगा। अभी हर परिवार को साल में 14.2 किलो एलपीजी वाले 12 सिलेंडर रियायती दर पर दिए जाते हैं। रियायती दर पर एक सिलेंडर 419.26 रुपए में दिया जाता है, जबकि इसका बाजार भाव 608 रुपए है।

सरकार सक्षम लोगों से गैस पर सब्सिडी नहीं लेने की अपील करती रही है और इसके लिए अभियान भी चलाया गया है। लेकिन यह अभियान ज्‍यादा सफल नहीं रहा। कुल 15 करोड़ एलपीजी ग्राहकों में से 57.5 लाख ने सब्सिडी छोड़ी है। तेल व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि ऐसा महसूस किया गया कि ज्‍यादा आमदनी वाले लोगों को सब्सिडी छोड़ ही देनी चाहिए।

साल 2014-15 में एलपीजी पर सरकार ने 40,551 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी। इस साल यह रकम करीब आधी बैठेगी, क्‍योंकि तेल की कीमतें छह साल में सबसे निचले स्‍तर पर पहुंच गई हैं। अप्रैल से सितंबर के बीच 8,814 करोड़ रुपए की एलपीजी सब्सिडी दी जा चुकी है। जनवरी, 2016 से गैस सिलेंडर बुक कराते वक्‍त ग्राहकों से पूछा जाएगा कि क्‍या उनके परिवार की सालाना आमदनी दस लाख रुपए से ऊपर है? अगर वे जवाब हां में देते हैं तो उन्‍हें चाहते हुए भी सब्सिडी नहीं दी जाएगी। अभी सरकार के पास यह डेटा नहीं है कि 15 करोड़ ग्राहकों में से कितने की आमदनी दस लााख रुपए से ज्‍यादा है। इसीलिए अभी यह व्‍यवस्‍था लागू की गई है।