प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) अदालत के विशेष अधिवक्ता को बताया कि यस बैंक के सह-प्रमोटर राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्य 78 कंपनियों के मालिक हैं। कपूर की हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए, ईडी ने कहा कि इसके लिए इन कंपनियों में बैंक से धन की निकासी का पता लगाने की जरूरत है। गौरतलब है कि ईडी ने मनी लौंड्रिंग के आरोप में कपूर को हिरासत में लिया है।
कपूर की हिरासत अवधि 11 मार्च तक की थी। लेकिन ईडी की मांग के बाद अदालत ने राणा कपूर की हिरासत की अवधि बुधवार को 5 दिन के लिए बढ़ा दी है। समयसीमा समाप्त होने के मद्देनजर ईडी ने कपूर को न्यायमूर्ति पी.पी. राजवैद्य की विशेष अदालत में पेश किया। मनी लौंड्रिंग रोकथाम अधिनियम संबंधी मामलों की सुनवाई करने वाली इस विशेष अदालत को ईडी के विशेष वकील सुनील गोंसाल्विस ने सुनवाई के दौरान बताया कि कपूर ने अपने कार्यकाल में विभिन्न निकायों को 30 हजार करोड़ रुपये के कर्ज आवंटित किये हैं।
ईडी ने कहा, “इनमें से 20 हजार करोड़ रुपये के कर्ज एनपीए बन गये। हमें इसकी गहराई से जांच करनी है कि इन पैसों का किस तरह हेर-फेर हुआ।” गोंसाल्वेस ने अदालत को बताया कि ईडी को बैंक के प्रबंधन सहित स्वैच्छिक दस्तावेजों और कई प्रमुख गवाहों से संबन्धित कपूर को सामने बैठकर पूछताछ करनी है और उनके बयान दर्ज किए जाने अभी बाकी हैं।
रिमांड याचिका का कपूर के अधिवक्ता, सतीश मनेशिन्दे ने कड़ा विरोध किया, जिन्होंने बार-बार अदालत को बताया कि उन्हें एक बलि का बकरा बनाया जा रहा है क्योंकि वित्त मंत्री ने बैंक के पतन के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को परेशान करने के बारे में बयान दिया था। ईडी ने अदालत से हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग की। अदालत ने ईडी की मांग पर हिरासत अवधि को 16 मार्च तक के लिये बढ़ा दिया।