जेल में बंद इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल की एक याचिका पर आज एक स्थानीय अदालत ने यहां जेल अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। भटकल ने पुलिस से अपनी जान को खतरा होने का आरोप लगाते हुए पूरे समय निगरानी की मांग की थी।
एनआईए मामलों की विशेष अदालत के समक्ष दाखिल याचिका में भटकल और चार अन्य ने जेल अधिकारियों को उन पर पूरे समय नजर रखने के लिए उच्च सुरक्षा वाली जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश देने की मांग की थी। भटकल और चारों अन्य यहां 21 फरवरी, 2013 को हुए दिलसुखनगर विस्फोट मामले में आरोपी हैं और चेरलापल्ली केंद्रीय जेल में बंद हैं।
इस मामले में अदालत ने आज जेल अधिकारियों से रिपोर्ट देने को कहा और अगली सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तारीख तय की। अदालत ने मामले में आरोप तय करने के संबंध में भी सुनवाई इसी तारीख तक के लिए स्थगित कर दी।
भटकल उर्फ मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा, असादुल्ला अख्तर, तहसीन अख्तर, जियाउर रहमान उर्फ वकास और ऐजाज सईद शेख कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए। मीडिया को अदालत कक्ष में जाने की इजाजत नहीं थी।
भटकल और अन्य ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था, ‘‘हम जिस उच्च सुरक्षा वाली सेल में बंद हैं, उसे छोड़कर लगभग सारे जेल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जेल अधिकारियों ने झूठी, मनगढ़ंत और काल्पनिक कहानियां गढ़ने के लिए जानबूझकर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाये हैं।’’
आरोपियों ने आरोप लगाया कि उन्हें जेल अधिकारियों से जान का गंभीर खतरा है।

