Agra Yamuna Water Level: यमुना के जलस्तर ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बाढ़ का पानी 45 साल में पहली बार विश्वप्रसिद्ध ताजमहल (Taj Mahal) तक पहुंच गया है। दिल्ली में लालकिले की दीवारों पर भी बाढ़ का पानी पहुंचा था। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से बयान सामने आया था कि बाढ़ के पानी से लालकिले को कोई नुकसान तो नहीं हुआ, इस बात की जानकारी के लिए सर्वे किया जाएगा। अब ताजमहल को लेकर भी ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं। ताजमहल की दीवार तक यमुना का पानी केवल 1978 और 2010 में पहुंचा था। हालांकि इस बार जलस्तर पिछली बार के मुकाबले काफी अधिक है।

1978 के बाद आया इतना पानी

अधिकारियों के मुताबिक यमुना का जलस्तर 499 फीट के ‘मध्यम बाढ़ स्तर’ को पार कर गया है। मंगलवार को यहां जलस्तर 499.97 फीट तक पहुंच गया। इससे ताजमहल के पीछे स्थित प्रसिद्ध बगीचा मेहताब बाग पूरी तरह पानी में डूब गया। ताजमहल के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने कहा कि साल 2010 में और उससे पहले 1978 में यमुना का पानी ताजमहल की दीवारों तक पहुंचा था. वर्ष 1978 की बाढ़ में पानी स्मारक के तहखाने के कमरों में घुस गया था।

उन्होंने कहा कि इस साल भी पानी ताजमहल तक पहुंच गया है, लेकिन इससे स्मारक को कोई खतरा नहीं है। मुख्य मकबरा एक ऊंचे चबूतरे पर बना है। यह चमेली फर्श पर खड़ा है। इसकी नींव में 42 कुएं हैं और कुओं के ऊपर साल की लकड़ियों की संरचना हैं। अधिकारी ने बताया कि चमेली फर्श लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बना है।

45 साल बाद मुगल गार्डन में पानी

आगरा में यमुना का जलस्तर 45 साल में पहली बार यमुना का पानी ताजमहल तक पहुंच गया है और यमुना का पानी ताजमहल के मुगल गार्डन में भर गया है। यमुना नदी एत्मादौला स्मारक के पास से होकर गुजर रही है। यमुना के बढ़े जलस्तर को लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। ताजमहल के आसपास बने निचले इलाकों में भी पानी भर गया है। ताजगंज शमशान और पोइयाघाट दोनों पूरी तरह जलमग्न नजर आ रहे हैं। वहीं प्राचीन दशहरा घाट, एत्मादौला का मकबरा, राम बाग, मेहताब बाग, जोहरा बाग, काला गुंबद जैसे इलाकों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

इनपुट-भाषा