उच्चतम न्यायालय की नवगठित तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में मौत की सजा पाने वाले इकलौते दोषी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की अर्जी पर आज नये सिरे से सुनवाई की।
इससे पहले, शीर्ष अदालत की दो न्यायाधीशों की पीठ में इस विषय पर मतभिन्नता होने के कारण यह मामला नयी पीठ को सौंपा गया था। इस मामले में आज दिन में बाद में फैसला सुनाये जाने की उम्मीद है।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने भोजनावकाश पर जाने से पहले कहा कि अगर पक्षों के वकील सहयोग करेंगे तब आज ही आदेश दे दिया जायेगा।
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मेमन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने कल न्यायमूर्ति ए आर दवे और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ द्वारा अलग अलग, भिन्न आदेश देने का उल्लेख किया और कहा कि दोषी करार दिये गए व्यक्ति की सुधारात्मक याचिका पर निर्णय करने के दौरान कानून सम्मत प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
रामचंद्रन ने कहा कि पहले न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा रहे न्यायाधीशों को भी सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई करने वाली पीठ का सदस्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले का वे न्यायाधीश फैसला नहीं कर सकते जो इससे अनजान हों।’’