भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी- कांशी राम के नेता चंद्रशेखर आजाद से मिलने गुरुवार को पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक यूपी के सहारनपुर स्थित एसबीडी अस्पताल पहुंचे। चंद्रशेखर आजाद पर बुधवार को अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर जानलेवा हमला कर दिया था। हालांकि वह बच गये। हमला उस समय हुआ जब वह अपने समर्थकों के साथ कहीं जा रहे थे। कुछ दिनों पहले चंद्रशेखर आजाद भी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और अन्य पहलवानों से मिलने दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे थे।

पहलवान बजरंग पुनिया ने घटना की निंदा करते हुए कहा जो इंसान सच्चाई के लिए खड़ा है उस पर हमला किया जाना गलत है। उन्होंने ट्वीट किया, “चंद्रशेखर हर संघर्ष में लोगों के साथ पहली क़तार में खड़े मिलते हैं। संघर्षशील लोग उनपर हमला बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमलावरों पर जल्द कार्रवाई हों।” पुनिया ने कहा, “मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे शांति बनाए रखें और पुलिस से अपील है कि वह हमलावर को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे।” दोनों पहलवानों ने चंद्रशेखर आजाद से मिलने के लिए सीधे अस्पताल के आईसीयू में पहुंचे और उनसे मिलकर उनका हालचाल जाना। इस दौरान दोनों पहलवानों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनके संघर्ष वे उनके साथ हैं।

दोनों पहलवानों ने घटना को जातिवाद के नजरिये से नहीं देखने को कहा

पहलवान पुलिस की सुरक्षा में अस्पताल पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि इस घटना को जातिवाद की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर आजाद हमेशा से समाज सुधार के मुद्दे को लेकर आंदोलन किये हैं। दूसरी तरफ साक्षी मलिक ने कहा हमले की वजह वह नहीं जानती हैं, लेकिन यह निंदनीय और गलत है। उन्होंने पुलिस से अपील की कि इस कायराना हमले में जो भी लोग दोषी हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

इससे पहले अस्पताल में भर्ती भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने हमले को लेकर एएनआई से बातचीत में कहा, “मुझे इस तरफ के अचानक हमले का अंदेशा नहीं था। मैं देशभर में अपने दोस्तों, समर्थकों और कार्यकर्ताओं से शांति बनाये रखने की अपील करता हूं। हम संवैधानिक तरीकों से अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। मैं ठीक हूं। मेरे साथ करोड़ों लोगों की दुआएं और प्यार हैं।”

चंद्रशेखर आजाद ने हमला करने वालों के बारे में कहा, “मुझे अच्छी तरह याद नहीं है, लेकिन मेरे साथियों ने उन्हें पहचान लिया है। उनकी कार सहारनपुर की तरफ गई है। हमने यू-टर्न ले लिया। जिस वक्त घटना घटी कार में मेरे छोटे भाई समेत हम पांच लोग थे।”