संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1999 में विज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए हर साल 4 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक ‘विश्व अंतरिक्ष सप्ताह’ मनाने की घोषणा की। 4 अक्टूबर 1957 को पहला मानव निर्मित सेटेलाइट स्पूतनिक-1 अंतरिक्ष में भेजा गया था। 10 अक्टूबर 1967 को अमेरिका, रूस और ब्रिटेन ने अंतरिक्ष अनुसंधान से जुड़ी पहले अंतरराष्ट्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। ये साल भी विज्ञान में प्रगति के हिसाब से पूरा दुनिया के साथ ही भारत के लिए भी खास रहा। आइए एक नजर डालते हैं इस साल अंतरिक्ष के क्षेत्र में हासिल की गई 10 बड़ी उपलब्धियों पर-
1- इस साल अगस्त में भारत का पहला ग्लोबल नैविगेशन सिस्टम नाविक (नैविगेशन विथ इंडियन कॉन्स्टलेशन) शुरू हो गया। ‘नाविक’ सात सैटेलाइटकी मदद से चलता है। ये अमेरिकी जीपीएस जैसा है लेकिन भारत में ये जीपीएस की तुलना में ज्यादा सटीक तरीके से कारगर होगा। इसके साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया जिनके पास अपना नैविगेशन सिस्टम है। इससे पहले केवल अमेरिका, रूस, चीन और यूरोपीय संघ के पास अपने नैविगेशन सिस्टम थे। कानूनन युद्ध के समय भारत जीपीएस का प्रयोग नहीं कर सकता ऐसे में “नाविक” उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
2- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस साल मई में पहला भारत-निर्मित अंतरिय यान अंतरिक्ष में भेजा। भारत ने इस अतंरिक्ष यान को भारत में बने ‘रीयूजेबल लॉन्च वेहिकल-टेक्नोलॉजी डेमोनस्ट्रेटर’ से भेजा था।
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3- इस साल जून में भारत ने एक रॉकेट से 20 सेटेलाइट एक साथ अतंरिक्ष में भेजकर अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। इससे पहले 2008 में भारत ने एक साथ 10 सेटेलाइट अतंरिक्ष में भेजे थे। हालांकि एक साथ सबसे अधिक सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजना का विश्व रिकॉर्ड रूस के पास है जिसने 2014 में एक साथ 33 सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे थे।
4- इस साल मई में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन ने पृथ्वी की एक लाख परिक्रमा पूरी कर ली। 1998 में अंतरिक्ष में स्थापित किए गए इस स्पेस स्टेशन ने इस दौरान चार अरब किलोमीटर की दूरी तय की।

5- जून में अमेरिका के यूनाइटेड लॉन्च (यूएलए) अलायंस ने एक स्पाई सेटेलाइट लॉन्च किया। इस लॉन्चिंग को पूरी तरह गुप्त रखा गया था। बाद में यूएलए ने कहा कि ये लॉन्चिंग “देश की सुरक्षा में मदद” के लिए की गई है।
6- जुलाई में नासा ने जूपिटर (बृहस्पति) मिशन के तहत अपने अंतरिक्ष यान जूनो को जूपिटर की कक्षा में स्थापित कर दिया। इस यान को अगस्त 2011 में लॉन्च किया गया था। जूपिटर सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। जूनो इसके वायुमंडल का अध्ययन करेगा।
7- सितंबर में नासा ने अपना पहला एस्टरॉयड सैंपलिंग मिशन ‘ओसिरी-रेक्स’ अंतरिक्ष में भेजा। इस अंतरिक्ष यान का मकसद एस्टरॉयड की सतह से धूल के कम और टूटे हुए हिस्से इकट्ठा करना। ये यान 2023 तक पृथ्वी पर वापस आएगा तब वैज्ञानिक इसके द्वारा लाए गए नमूनों का अध्ययन कर सकेंगे।
8- जुलाई में पहली नासा ने स्टार ट्रेक की 50वीं सालगिरह पर गहरे अंतरिक्ष की सैकड़ों नई तस्वीरें जारी कीं।
9- नासा ने सितंबर में एक वीडियो जारी किया जिसमें दिखाया गया कि जब एक तारा ब्लैक होल के बहुत करीब जाता है तो क्या होता है।
10- अटलांटिक महासागर में एक ड्रोन शिप में एक रॉकेट भेजा गया। इस रॉकेच को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैप कैनावेरल एयरफोर्स स्टेशन से लॉन्च किया गया था।
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