सौम्यरेंद्र बारिक
माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन की क्लाउड सेवाओं में बड़े व्यवधान के कारण भारत सहित दुनिया भर में कई व्यवसायों की सेवाएं बाधित हुईं। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि रुकावट का प्रारंभिक कारण “एज्यूर (Azure) बैकएंड वर्कलोड के एक हिस्से में” कॉन्फ़िगरेशन बदलाव था। इसकी वजह से कनेक्टिविटी में दिक्कतें आईं, जिससे इन कनेक्शनों पर निर्भर माइक्रोसॉफ्ट 365 सेवाएं प्रभावित हुईं। एज्यूर माइक्रोसॉफ्ट का क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म है।
प्रमुख कंपनियां क्राउडस्ट्राइक से विकसित सॉफ्टवेयर का उपयोग करती हैं
इस समस्या का मूल कारण यू.एस. साइबरसिक्यूरिटी फर्म क्राउडस्ट्राइक द्वारा विंडोज सिस्टम के लिए जारी किया गया एक सॉफ्टवेयर अपडेट था, जो खराब हो गया और इससे सिस्टम डाउनटाइम हुआ। यह समस्या कंपनी के मुख्य सॉफ्टवेयर उत्पादों में से एक फाल्कन के लिए बड़ी थी, जो विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। दुनिया भर की प्रमुख कंपनियां क्राउडस्ट्राइक द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर का उपयोग करती हैं, यही वजह है कि उनके सभी सिस्टम एक ही समय में आउटेज का सामना कर रहे थे।
जटिल साफ्टवेयर फाल्कन सभी प्रमुख व्यवसायों में होता है उपयोग
साइबर सुरक्षा की भाषा में फाल्कन को “एंडपॉइंट डिटेक्शन एंड रिस्पॉन्स” (EDR) सॉफ़्टवेयर के रूप में बताया जाता है। यह एक जटिल सॉफ्टवेयर है, लेकिन इसका मूल काम उन कंप्यूटरों पर गतिविधि की निगरानी करना है जिन पर इसे इंस्टॉल किया गया है, और मैलवेयर जैसे किसी भी संभावित खतरे के लिए उन्हें लगातार स्कैन करना है। कई फॉर्च्यून 500 कंपनियों समेत दुनिया भर के सभी प्रमुख व्यवसायों में इस सेवा का उपयोग किया जाता है।
अपना काम करने के लिए फाल्कन सबसे पहले किसी सिस्टम की गहन जानकारी तक पहुंच प्राप्त करता है। इसमें अन्य बातों के अलावा वे संचार शामिल हैं जो कंप्यूटर इंटरनेट पर भेज रहे हैं, वे कौन से प्रोग्राम चला रहे हैं, और कौन सी फ़ाइलें खोली जा रही हैं।
इस लिहाज से ऑपरेटिंग सिस्टम लेवल पर अपने गहरे एकीकरण के कारण फाल्कन एक ‘खास सॉफ़्टवेयर’ है। चूंकि कई व्यवसाय विंडोज पर चलने वाले सिस्टम का उपयोग करते हैं, इसलिए फाल्कन उन सिस्टम में गहराई से समाया हुआ है। यही मुख्य कारण था कि फाल्कन अपडेट में एक दोषपूर्ण कोड ने मुख्य रूप से विंडोज पीसी को प्रभावित किया।
भारत में कौन से क्षेत्र आउटेज से सबसे अधिक प्रभावित हुए?
भारत में आउटेज का प्रभाव विमानन क्षेत्र में सबसे अधिक दिखा। एयरलाइन ऑपरेटरों के सिस्टम के काम नहीं करने से सैकड़ों उड़ानों के चलने में देरी हुईं और कई रद्द कर दी गईं। इससे उन्हें मैन्युअल प्रक्रियाओं पर स्विच करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इंडिगो ने कहा कि Microsoft Azure के साथ समस्या के कारण “पूरे नेटवर्क में” उसके सिस्टम प्रभावित हुए, “इसकी वजह से हमारे संपर्क केंद्रों और हवाई अड्डों पर प्रतीक्षा समय बढ़ गया है।” अकासा एयर ने बुकिंग और चेक-इन जैसी ऑनलाइन सेवाओं को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया और मैन्युअल संचालन पर वापस लौट आया। एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कहा कि आउटेज ने उसके हवाई अड्डे के संचालन को प्रभावित किया है, साथ ही दुनिया भर में कई एयरलाइनों और हवाई अड्डों को भी प्रभावित किया है। स्पाइसजेट ने कहा कि उसे “उड़ान व्यवधानों पर अपडेट प्रदान करने में तकनीकी समस्या” का सामना करना पड़ रहा है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ मिलकर आपरेशन लगातार बनाए रखने के लिए मैन्युअल बैकअप सिस्टम लागू किया। मंत्रालय ने कहा कि यात्रियों की सहायता करने और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया गया था।
दुनिया भर में विमानन क्षेत्र में बड़े व्यवधान देखे गए। डेल्टा, यूनाइटेड और अमेरिकन एयरलाइंस जैसी प्रमुख अमेरिकी एयरलाइन्स की उड़ानें अधिकारियों द्वारा रोक दी गईं। यूरोप और एशिया-प्रशांत में एयरलाइन्स ने भी व्यवधान की सूचना दी।
भारत में कम से कम दस बैंकों और NBFC को मामूली व्यवधानों का सामना करना पड़ा। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि इन्हें या तो हल कर लिया गया है या हल किया जा रहा है। आरबीआई ने कहा कि कुल मिलाकर भारत में वित्तीय क्षेत्र वैश्विक रुकावट से अछूता रहा, क्योंकि अधिकतर बैंकों की महत्वपूर्ण प्रणालियां क्लाउड में नहीं थीं, और केवल कुछ बैंक ही क्राउडस्ट्राइक टूल का उपयोग कर रहे थे।
लंदन स्टॉक एक्सचेंज के विपरीत, Microsoft समस्या के कारण BSE पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। स्टॉक एक्सचेंज के प्रवक्ता ने कहा, “हमारा ऑपरेशन सामान्य रूप से चल रहा है।”
विंडोज पीसी-यूजर्स को कुख्यात ‘ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ’ का भी सामना करना पड़ा, जहां उनके सिस्टम केवल एक गड़बड़ी संदेश दिखाने वाली ब्लू स्क्रीन के अलावा शुरू नहीं हुए। माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, यदि ऑपरेटिंग सिस्टम में कोई गंभीर समस्या आती है, जिसके कारण उसे अप्रत्याशित रूप से बंद या दोबारा शुरू करना पड़ता है, तो विंडोज डिवाइस ब्लू स्क्रीन त्रुटियां प्रदर्शित करता है।
सरकार ने आउटेज पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) माइक्रोसॉफ्ट के संपर्क में है, जो प्रभावित संस्थाओं के साथ काम कर रहा है। भारत की नोडल साइबर एजेंसी, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (Cert-In) ने भी इस मुद्दे के समाधान के बारे में एक सलाह जारी की। वैष्णव ने कहा कि Cert-In महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा संस्थाओं के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है। वैष्णव ने कहा, “सभी प्रभावित संस्थाएं अपने सिस्टम को चालू करने के लिए काम कर रही हैं। कई मामलों में, सिस्टम आंशिक रूप से चालू हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है।