जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया है। जगदीप धनखड़ ने सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया था लेकिन देर रात को उनकी तरफ से जारी किए गए पत्र में इस्तीफे की वजह खराब स्वास्थ्य को बताया गया। अपने पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद सदस्यों के सहयोग व स्नेह के लिए गहरा आभार व्यक्त किया है। उन्होंने 11 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, उनका कार्यकाल अगस्त, 2027 तक था।
हाल में जगदीप धनखड़ की दिल्ली स्थित AIIMS में एंजियोप्लास्टी हुई थी। राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने कार्यकाल में, धनखड़ का विपक्ष के साथ कई बार टकराव हुआ, जिसने उन पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव भी पेश किया था। उन्हें हटाने का प्रस्ताव, बाद में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था। यह प्रस्ताव स्वतंत्र भारत में किसी वर्तमान उपराष्ट्रपति को हटाने का पहला मामला था।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश कुछ सवालों के जवाब भी जानना चाहता है। दूसरों को खुश करने का नतीजा हम देख चुके हैं। मुझे नहीं पता कि ये सब क्यों हुआ, लेकिन तस्वीर उतनी साफ़ नहीं है जितनी दिखाई जा रही है। इसकी कई परतें हैं, जो कुछ दिनों बाद खुलेंगी।
जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने को लेकर यूपी के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि काफी दिनों से खबर थी कि वह अस्वस्थ हैं और कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं। कांग्रेस और सपा के पास आरोप लगाने के अलावा कोई और काम नहीं है।
देश के उपराष्ट्रपति पद से बीती रात जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया था, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूर कर लिया है। इस मंजूरी के बाद ही राज्यसभा का कामकाज उपसभापति के जिम्मे आ गया है और आज राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मैं उनकी कुशलता और लंबी आयु की कामना करता हूं... यह पहली बार है जब किसी उपराष्ट्रपति ने इस तरह से इस्तीफा दिया है। दुर्भाग्य से, उनके स्वास्थ्य ने उन्हें आगे काम करने की अनुमति नहीं दी... उम्मीद है कि अगले उपराष्ट्रपति अपनी कुर्सी और दफ्तर के साथ न्याय करेंगे।"
जगदीप धनखड़ के इस्तीफ़े पर समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, "यह बहुत चौंकाने वाला है। मुझे इसकी वजह नहीं पता।"
इस मामले में बिहार बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर का भी बयान आया है। ठाकुर ने कहा, "उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया; इसमें कोई संदेह नहीं है... अगर नीतीश कुमार (उपराष्ट्रपति के रूप में) कार्यभार संभालते हैं तो बिहार के लोग खुश होंगे।"
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा, "हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें लंबी और स्वस्थ आयु प्रदान करें। यह चिंता का विषय है कि उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया... वह किसान के बेटे हैं, हमें किसानों की चिंता है।"
बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने उपराष्ट्रपति की दौड़ में सीएम नीतीश कुमार का नाम होने की चर्चाओं पर कहा, ‘अच्छी बात है बन जाएं तो क्या दिक्कत है… बन जाएं।’
कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफ़े पर कहा, "यह एक चौंकाने वाली घटना है क्योंकि आज़ादी के बाद से किसी भी उपराष्ट्रपति ने इस्तीफ़ा नहीं दिया है। उन्होंने जो कारण बताया है, वह सच नहीं लगता... वह राजस्थान से हैं। राजस्थान के लोग दुखी हैं। मैंने पहले भी कहा था कि राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष (ओम बिरला) दोनों राजस्थान से हैं और दबाव में काम कर रहे हैं।"
जगदीप धनखड़ के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, "यह चौंकाने वाला था, हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा, सब कुछ सामान्य था, हम दिन में उनसे मिले, हमने उनसे उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा, उन्होंने कहा कि वह ठीक हैं। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि अचानक क्या हो गया।"
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, "...यह अचानक नहीं हो सकता। कल वह सदन की अध्यक्षता कर रहे थे और आज उन्होंने इस्तीफा दे दिया। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें लंबी और स्वस्थ आयु प्रदान करें। उनके इस्तीफे का कोई और कारण है...।"
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, "...कल ऐसा नहीं लगा कि वह बीमार हैं। कल रात जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैं हैरान रह गया। उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला दिया, इसलिए मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है... मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह स्वस्थ और प्रसन्न रहें।"
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "अपनी खराब सेहत के बावजूद, वे संसदीय कार्यवाही का संचालन करते रहे... यह पहली बार है जब किसी उपराष्ट्रपति ने इतने चौंकाने वाले तरीके से इस्तीफा दिया है और उम्मीद है कि हमें और जानकारी मिलेगी... सदन की कार्यवाही और उपराष्ट्रपति व सभापति के रूप में उनके कामकाज में कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए।"
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "...उन्होंने किन स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया, यह तो वही जानते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने किसी दबाव में आकर यह इस्तीफा दिया है। संसद में भाजपा द्वारा उनके विशेषाधिकारों को चुनौती दिए जाने से वह किसी न किसी तरह आहत हुए होंगे। उनके इस्तीफे का कोई न कोई कारण अवश्य होगा; स्वास्थ्य कारण तो बहाना लगता है, लेकिन वास्तव में ऐसा लगता है कि वह इस सरकार से आहत हैं।"
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "दिल्ली में पर्दे के पीछे कुछ हो रहा है जो जल्द ही सामने आएगा। यह कोई साधारण घटना नहीं है। जगदीप धनखड़ का स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक था। मैं उन्हें देख रहा हूं। वह मैदान छोड़ने वालों में से नहीं हैं। वह एक योद्धा हैं... सितंबर में कुछ होगा।"
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफ़े पर कांग्रेस नेता दानिश अली ने कहा, "यह पूरी तरह से अप्रत्याशित था। उपराष्ट्रपति, जो पूरे दिन राज्यसभा में मौजूद थे, ने अब इस्तीफ़ा दे दिया है। मुझे नहीं लगता कि इस फ़ैसले के पीछे स्वास्थ्य संबंधी कारण हैं। बल्कि, यह राजनीति से प्रेरित लगता है। कुछ लोग कह रहे हैं कि यह प्रधानमंत्री मोदी पर दबाव बनाने की कोशिश है, ताकि वे 75 साल की उम्र से पहले इस्तीफ़ा दे सकें।"
राजद सांसद सुधाकर सिंह ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कहा, "यह चौंकाने वाला है और लगता है कि कोई बड़ा राजनीतिक संकट आने वाला है।"
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, "मैं उनकी कुशलता की कामना करता हूं और आशा करता हूँ कि वे जल्द स्वस्थ हो जाएं लेकिन मैं यह भी कहना चाहता हूं कि मुझे पूरी उम्मीद है कि वे इस समय इस्तीफा नहीं देंगे, खासकर जब संसद का मानसून सत्र अभी शुरू ही हुआ है। बहुत गंभीर मुद्दे हैं… मुझे लगता है कि इसके पीछे कुछ बड़ा मामला है।"
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर जेएमएम सांसद महुआ माजी ने कहा, "यह बेहद चौंकाने वाली खबर है, खासकर विपक्षी दलों के लिए... सदन में हमें नहीं लगा था कि वह आज ही इस्तीफा दे देंगे... उन्होंने कई अन्य महत्वपूर्ण बातें भी कहीं... कुछ लोग इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसके पीछे कोई और वजह हो सकती है... हम सभी चाहते हैं कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करें।"
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस सांसद मल्लू रवि ने कहा, "भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बिना किसी शारीरिक परेशानी के दो दिवसीय राज्यसभा सत्र का सही ढंग से संचालन किया... वह भारत के उपराष्ट्रपति हैं, इसलिए हम भी इस बारे में चिंतित हैं… हमें लगता है कि यह शारीरिक अस्वस्थता से ज़्यादा उनकी राजनीतिक अस्वस्थता का मामला है। खासकर बिहार चुनाव से पहले, शायद भाजपा सरकार उन्हें इस पद से हटाकर किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करना चाहती थी जो आगामी बिहार चुनाव में उनके लिए मददगार साबित हो सके।"
पप्पू यादव ने कहा - ़अस्वस्थ तो पहले भी थे, तब इस्तीफा दे देते, अभी क्या जरूरत थी। आज सुबह सदन के भीतर तकरार हो गई। क्या कहीं योगी जी पर वार है? क्या इसी बहान मनोज जी को क्या लाएंगे। कुछ तो भीतर का गेम है, कल पता चलेगा... यह कंप्लीट पॉलिटिकल इस्तीफा है।
कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने कहा- यह वाकई बहुत चौंकाने वाला है कि उपराष्ट्रपति ने आज सुबह भी राज्यसभा सत्र की अध्यक्षता की। यह एक बहुत ही अप्रत्याशित घटनाक्रम है। अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं और हर मुद्दे को देखने के हमारे नज़रिए के कारण हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं। लेकिन मैं यह ज़रूर कहना चाहूंगी कि एक जूनियर सांसद होने के नाते, उन्होंने कई मौकों पर मुझे राज्यसभा में बोलने के लिए बहुत प्रोत्साहित किया है। इसलिए, मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हूं और कामना करती हूं कि वे जल्द ही स्वस्थ हो जाएं।
जगदीप धनखड़ ने इसी महीने एक कार्यक्रम में कहा था कि "ईश्वर" ने चाहा तो वह "सही समय" पर सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस वर्ष मार्च में कुछ दिनों के लिए उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था और कुछ अवसरों पर उनकी हालत ठीक नहीं दिखी थी, लेकिन संसद सहित सार्वजनिक कार्यक्रमों में वह अक्सर ऊर्जावान ही दिखे।
जयराम रमेश ने कहा -
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा जितना चौंकाने वाला है, उतना ही अकल्पनीय भी है। आज शाम करीब 5 बजे तक मैं उनके साथ था, वहां कई अन्य सांसद भी साथ थे, और शाम 7:30 बजे मेरी उनसे फोन पर बातचीत भी हुई थी।
निःसंदेह, जगदीप धनखड़ को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि उनके इस बिल्कुल अप्रत्याशित इस्तीफे के पीछे जो दिखाई दे रहा है, उससे कहीं अधिक है। हालांकि, यह समय अटकलें लगाने का नहीं है। श्री जगदीप धनखड़ ने सरकार और विपक्ष,दोनों को समान रूप से आड़े हाथों लिया। उन्होंने कल दोपहर 1 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक बुलाई थी और न्यायपालिका से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण घोषणा करने वाले थे।
हम उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं और उनसे आग्रह करते हैं कि वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें। हम प्रधानमंत्री से भी अपेक्षा करते हैं कि वे श्री जगदीप धनखड़ को अपना मन बदलने के लिए राज़ी करें। यह देशहित में होगा। विशेष रूप से कृषक समुदाय के लिए यह एक बड़ी राहत होगी।
कांग्रेस सांसद नीरज डांगी ने कहा - यह बहुत चौंकाने वाला और आश्चर्यजनक है कि अचानक शाम को ऐसी खबर आई। धनखड़ साहब ने अपने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। लेकिन मुझे लगता है कि जहां तक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का सवाल है, पिछले सत्र के दौरान उन्हें हृदय संबंधी समस्या हुई थी। मुझे लगता है कि उन्होंने तीसरे या चौथे दिन फिर से काम शुरू किया। इसलिए, अचानक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सामने आना सवाल खड़े करता है। यह सरकार के दबाव में इस्तीफा देने जैसा लगता है। शायद सरकार ने यह फैसला उन पर थोपा हो। यह देश या देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए सही नहीं है... मुझे लगता है कि भारत के इतिहास में पहली बार किसी उपराष्ट्रपति ने खुद ही इस्तीफा दे दिया है। पद कोई भी हो, सरकार इस देश को मनमाने ढंग से चलाना चाहती है और यह हमारे सामने है।
कांग्रेस सांसद किरण कुमार चमाला ने कहा- आज सुबह भी वे राज्यसभा में थे और उन्होंने राज्यसभा में कुछ अच्छी बातें कहने की कोशिश की, जिसमें राजनीतिक दलों को आपस में मतभेद भुलाकर, देश की भलाई के लिए एकजुट होकर काम करने की बात कही। एक रचनात्मक राष्ट्र के लिए, राजनीतिक दलों के बीच उचित संवाद होना ही देश के लिए बेहतर है। इसलिए, यह मेरे लिए चौंकाने वाला था। लेकिन उन्होंने कारण बताए कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और चिकित्सीय कारणों और डॉक्टरी सलाह के चलते वे यह पद छोड़ रहे हैं। सुबह वे रचनात्मक बात करने की कोशिश कर रहे थे, शाम तक पता नहीं क्या हुआ.
सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद ने कहा - वह पूरा दिन संसद भवन में रहे। सिर्फ़ एक घंटे में ऐसा क्या हो गया कि उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा? हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें लंबी और स्वस्थ ज़िंदगी दे। मुझे इसकी वजह समझ नहीं आ रही है।
जगदीप घनखड़ ने अपने इस्तीफे की वजह अपनी हेल्थ को बताया है लेकिन जानकार इसे पचा नहीं पा रहे हैं। अगर इस वजह से इस्तीफा देना होता तो वो मानसून सत्र से पहले इस्तीफा दे सकते थे।
कपिल सिब्बल ने कहा - मैं उनके इस्तीफ़े के कारणों पर अटकलें नहीं लगाऊंगा। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य कारणों से ऐसा हुआ है। इसलिए मैं अटकलें नहीं लगाना चाहता। मैं कह सकता हूं कि वे राज्यसभा के सबसे सक्रिय सभापतियों में से एक थे जिन्हें हमने पिछले कई वर्षों में देखा है। वे हमेशा दोनों पक्षों के सदस्यों को साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करते थे। आखिरकार, हम देश के लिए काम करते हैं, और उन्होंने हमेशा हमें ऐसा करने की सलाह दी। हमारी धारणाएं अलग-अलग हैं, इसलिए कभी-कभी उनकी सलाह का पालन नहीं किया गया, जिसके कारण स्पष्ट हैं। लेकिन जो भी हो, उनका दिल बहुत कोमल था। एक गर्म, सुनहरा दिल, एक साफ़ दिमाग और वे दोस्तों के दोस्त थे, और मुझे दुख है कि उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया..."
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कपिल सिब्बल ने कहा - मैं उनके इस्तीफे से खुश नहीं हूं। मैं उन्हें मिस करूंगा। उनका हमेशा एक व्यू पॉइंट रहता था। वो मन की बात बिना संकोच के बोल देते थे।