Jayant Chaudhary Waqf Act: वक्फ कानून का समर्थन करने की वजह से केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार रखने वाली रालोद से कई मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया लेकिन बावजूद इसके जयंत चौधरी ने शनिवार को वक्फ कानून का समर्थन किया है। जयंत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वक्फ कानून में हुए बदलावों को लेकर उन्होंने मुस्लिम समाज के कई नामचीन लोगों से सलाह-मशविरा किया था और वहां से विरोध में कोई आवाज नहीं उठी।
चौधरी ने यह भी कहा कि रालोद अपनी मान्यताओं पर टिका रहेगा और इसके सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे। चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि इसके नेता अशांति को बढ़ावा दे रहे हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह माना जाता है कि रालोद को जाट और मुस्लिम समुदाय का समर्थन हासिल है। 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रालोद ने इंडिया गठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए का हाथ पकड़ लिया था। बीजेपी ने समझौते के तहत रालोद को बागपत और बिजनौर की सीटें दी थी और इन दोनों पर ही पार्टी को जीत मिली थी।
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चुनाव में जीत के बाद चौधरी को मोदी सरकार में कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री के रूप में बड़ा ओहदा दिया गया था।
क्या रालोद को नुकसान होगा?
बताना होगा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी राजनीतिक रूप से असरदार है और यह कई विधानसभा और लोकसभा सीटों पर सीधा असर करती है। सीधा सवाल यही है कि पार्टी में बढ़ रहे विरोध के बावजूद रालोद ने वक्फ कानून की हिमायत की है लेकिन यह साफ दिख रहा है कि वक्फ कानून को लेकर रालोद के नेताओं और कार्यकर्ताओं में बेचैनी है। कहा जा रहा है कि इस कानून को लेकर बीजेपी और एनडीए के साथ बने रहने की वजह से पार्टी को नुकसान हो सकता है। लेकिन शायद जयंत चौधरी को उम्मीद है कि उन्हें बीजेपी और एनडीए के साथ बने रहने से राजनीतिक नुकसान नहीं होगा।
वक्फ कानून के विरोध में हुई हिंसा
बताना हुआ कि वक्फ कानून को लेकर न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि इसके बाहर भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने इस कानून के विरोध में सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया है। पश्चिम बंगाल में तो इस कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद में बड़े पैमाने पर हिंसा हो चुकी है।
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