Air India Crash: अहमदाबाद एअर इंडिया क्रैश मामले में एक नई खबर सामने आई है। इंटरनेशनल सिविल एवियशन ऑर्गेनाइजेशन भी इस हादसे की जांच में खुद को शामिल करना चाहती है। लेकिन अभी तक मोदी सरकार ने इसके लिए हरी झंडी नहीं दिखाई है, सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि सरकार अभी भी इस पर विचार कर रही है।
ICAO का क्या काम है?
जानकारी के लिए बता दें कि इंटरनेशनल सिविल एवियशन ऑर्गेनाइजेशन यूनाइटेड नेशन की ही एक एविएशन बॉडी है। समझने वाली बात यह है कि यह ऑर्गेनाइजेशन उन्हीं मामलों की जांच करती है जब कोई एयरक्राफ्ट किसी कॉन्फ्लिक्ट जोन में क्रैश हो जाता है या फिर किसी मिलट्री एक्शन की वजह से हादसा होता है। इसी वजह से जानकार मान रहे हैं कि यूएन की बॉडी का अहमदाबाद क्रैश मामले की जांच के साथ जुड़ना हैरान कर देने वाली बात है।
सरकार का इस पर क्या रुख?
नाम ना बताने की शर्त पर एक सरकारी अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को इस बारे में कहा कि अभी उनकी रिक्वेस्ट पर विचार किया जा रहा है। उनके प्रस्ताव को पूरी तरह रिजेक्ट नहीं किया गया है। इस बात पर भी जोर दिया गया है कि अहमदाबाद क्रैश मामले में सभी इंटरनेशनल प्रोटोकॉल और प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।
एयर इंडिया विमान दुर्घटना क्यों हुई?
ICAO ने क्या बताया है?
वैसे इस बारे में इंटरनेशनल सिविल एवियशन ऑर्गेनाइजेशन का तर्क है कि उनका वहां पर रहना और जांच में शामिल होना इस बात को सुनिश्चित करेगा कि सभी अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड का पालन किया जा रहा है। वैसे एक और सरकारी अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है सभी नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है, इसके ऊपर पहले से ही नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड भी इस जांच में शामिल है।
ICAO का इतिहास
आईसीएओ की बात करें तो उन्होंने 2014 में मलेशिया एयरलाइन फ्लाइट एम 17 के क्रैश होने की जांच की थी। इसी तरह 2020 में यूक्रेन की इंटरनेशनल एयरलाइन फ्लाइट PS 572 की क्रैश होने की पड़ताल में भी वो शामिल रही। लेकिन इन दोनों ही मामलों में सामने वाले देश ने खुद इस आर्गेनाइजेशन से मदद मांगी थी, लेकिन अहमदाबाद मामले में आईसीएओ खुद ही जांच में शामिल होने की बात कर रहा है।
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Sukalp Sharma की रिपोर्ट